Cimicifuga 30 Uses in Hindi | सिमिसिफ्यूगा 30 के उपयोग और लाभ
Cimicifuga Racemosa : सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा होम्योपैथिक दवा का परिचय – आज के हमारे इस लेख Cimicifuga 30 Uses in Hindi में सिमिसिफ्यूगा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है आप इस लेख को पढ़ कर इस दवा से जुड़े सभी लक्षणों को समझ सकते हैं |
सिमिसिफ्यूगा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन स्त्री रोगों के लिए एक बहुत ही लाभकारी मेडिसिन मानी जाती है। मासिकधर्म आने पर स्त्रियों को कई तरह की परेशानी होती है उनमे ये 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उनके दर्दों को कम करती है।
इसके अलावा हिस्टीरिया रोग में, गैस के कारण हाथ-पैरों का सुन्न हो जाना आदि लक्षणों के नज़र आने पर भी ये मेडिसिन बहुत लाभकारी साबित होती है। लेकिन सिर्फ शारीरिक लक्षणों के आधार पर ही सिमिसिफ्यूगा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi : विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग –
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए मन से सम्बंधित लक्षण –
रोगी को अपने दिमाग में ऐसा लगना कि जैसे किसी ने बहुत ही भारी काम दे रखा हो जिसके लिए उसको बहुत अधिक सोचना पड़ता है, रोगी को गाड़ी में घूमने पर डर लगता है, रोगी का अपने आप से ही बाते करना, मरीज को अजीब-अजीब सी चीजें दिखाई देती हैं, आदि इस प्रकार के मानसिक रोग के लक्षणों का उपचार करने के लिए रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन कराने से बहुत लाभ होता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए सिर से सम्बंधित लक्षण –
रोगी को सिर में अजीब सा दर्दहोता है, इस तरह के रोगी को अलग-अलग तरह के विचारआते है, रोगी को अजीब-अजीब सी आवाजेंआती हैं, जब भी रोगी के पास जरा सा शोर होता है तो उसका सिर दर्द होने लगता है आदि इस प्रकार लक्षणों का उपचार करने के लिए रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देने से वह जल्द ही ठीक हो जाता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए आंखों से सम्बंधित लक्षण –
रोगी की आंखों की रोशनी कम हो जाती है और उसके साथ रोगी की आंखों में जलनहोती है, रोगी की आंख से लेकर सिर तक दर्द होता है तो इस प्रकार के लक्षणों में रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन कराने से आराम आ जाता है।
Cimicifuga 30 Homeopathic Medicine Uses in Hindi : सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन के उपयोग
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए आमाशय से सम्बंधित लक्षण –
रोगी के गले पर किसी तरह का जोर पड़ने के कारण उसका जी ऐसा होना जैसे कि उसको उल्टी होने वाली हो, रोगी को ऐसा दर्द होता है जैसे किसी चीज ने काटा हो आदि इस प्रकार के सभी आमाशय के रोगों के लक्षणों में सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन करने से लाभ होता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए स्त्री से सम्बंधित लक्षण –
महिलाओं में मासिकधर्म का समय परनहीं आता है, महिला के डिम्ब प्रदेश में दर्द होता है जो जांघों के आगे के हिस्से पर ऊपर-नीचे की ओर होता रहता है, महिलाओं में मासिकधर्म आने से पहले दर्दहोता है, महिलाओं को मासिकस्राव ज्यादा मात्रा में आता है और उसके साथ ही गाढ़ा, बदबू के साथ आता है, रोगी की कमर में दर्दहोता है, महिलाओं में स्तनों के नीचे दर्द हो रहा हो तो इस प्रकार के सभी लक्षणों में सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करने से लाभ होता है।
इसके आलावा जिन महिलाओं के अंदर वात धातु के कारण हिस्टीरिया रोग होता है उन्हें कई प्रकार के मासिकधर्म के रोग भी घेर लेते हैं, ऐसी महिलाओं का मासिकधर्म के दौरान स्राव बहुत कम आता है या फिर कभी-कभी बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में आ जाता है, और महिलाओं में कभी-कभी तो ये स्राव आता ही नहीं है। इसके आलावा कई मामलों मे देखा गया है की महिलाओं का मासिकधर्म आने से पहले उनको बहुत ज्यादा दर्द होता है लेकिन जैसे ही मासिकधर्म आता है तो यह दर्द कम हो जाता है। आदि इस प्रकार के विशेष लक्षणों के आधार पर अगर आप महिला रोगी को नियमित रूप से सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देते हैं तो कुछ ही समय में उसको रोग में आराम आ जाता हैं।
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गमहिलाओं में र्भावस्था की बहुत सारी परेशानियां होती है जैसे की उसको उल्टी आने का मन करना, उसके सिर में दर्द होता है, पेट में गैस बनने के कारण आया हुआ दर्द आदि में सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन बहुत ही चमत्कारिक तरीके से काम करती है।
अगर आप देखते हैं की हिस्टीरिया रोग से ग्रस्त लड़की जब गर्भवती होती है तो उस समय हिस्टीरिया रोग के कारण महिलाओं को बहुत सारी परेशानियां हो जाती है। होमियोपैथी के अन्दर अनुभवी बहुत से लोगों का मानना है कि गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म से करीब 15-20 दिन पहले अगर सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन कराया जाए तो उसको बच्चे के जन्म के समय किसी तरह की परेशानी नहीं होती है और बच्चा आसानी से पैदा हो जाता है,
लेकिन यह किसी-किसी मामले में ही होता है जरुरी नहीं है की ऐसा हर महिला के साथ हो क्योंकि हर गर्भवती महिला की प्रकृति एक ही तरह की नहीं होती है, हर महिला के ल़क्षण अलग-अलग प्रकार के होते हैं|
होमियोपैथी के सिधान्त अनुसार जब तक हर रोगी के सारे लक्षण ना मिले तो सिर्फ रोग या रोग के नाम पर 1 या 2 लक्षणों के आधार पर ही इस होम्योपैथिक मेडिसिन का इस्तेमाल करना सही नहीं हो सकता है, अगर आप होमियोपैथी में किसी भी दवा का पूर्ण लाभ लेना चाहते हैं तो रोगी के सभी लक्षणों का पता होना आवश्यक है |
अगर गर्भवती महिला के बच्चे के जन्म लेने के दर्द के शुरू होते ही (लेबर पैन) कंपकपी होना महसूस होती है, महिला में हिस्टीरिया के लक्षण नज़र आते है, महिला जब बच्चे को जन्म दे देती है तो उसके बाद दर्द के रुकते ही, गर्भाशय का मुंह न खुल जाता है, आदि इस प्रकार के लक्षण नज़र आ रहे हैं तो महिला को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देने से लाभ होता है।
महिलाओं में मासिकधर्म के दिनों में अगर स्त्री को कोई भयानक रोग घेर लेता है तो उसे ज्यादा ताकत वाली होम्योपैथिक मेडिसिन का बार-बार सेवन नहीं करना चाहिए। इस हालत में स्त्री को नक्सवोमिका की एक खुराक देकर लक्षणों के आधार पर ही कुछ घंटों के बाद दूसरी सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा होम्योपैथिक मेडिसिन दे देनी चाहिए।
Cimicifuga Homeopathic Medicine Uses in Hindi : सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा होम्योपैथिक मेडिसिन के उपयोग
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए सांस से सम्बंधित लक्षण –
रोगी के गले में ऐसे लगना जैसे कि कुछ अटक रहा हो, सांस का रुक-रुककर चलना, सूखी खांसी होना जो रात को सोते समय ज्यादा चलती है आदि सांस के रोग के लक्षणो में रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देने से लाभ होता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए दिल से सम्बंधित लक्षण –
नाड़ी का धीरे-धीरे चलना, बाजू सुन्न होना, ऐसा महसूस होना कि दिल की धड़कन बंद हो रही हो और दम सा घुट रहा है, बाएं स्तन के नीचे के हिस्से में दर्द होना आदि दिल के रोग के लक्षण प्रकट होने पर रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन कराने से कुछ ही समय में लाभ हो जाता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए पीठ से सम्बंधित लक्षण –
रीढ़ की हड्डी के ऊपर के हिस्से में छूने पर दर्द होना, गर्दन और कमर में खिंचाव सा आना, पसलियों के बीच के हिस्से में गठिया होना, कमर की पेशियों का ऐंठना आदि पीठ के रोगों के लक्षणों में रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का नियमित रूप से सेवन कराने से लाभ होता है।
Cimicifuga 30 Uses in Hindi के लिए शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण –
रोगी के हाथ-पैरों में ऐसा दर्द होता है जो धीरे-धीरे बड़ता है, रोगी को शरीर में बैचेनी सी महसूस होती है, पेट की पेशियों में गठिया का होना, रोगी की जनेन्द्रियों में खिंचाव के साथ हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है तो इस प्रकार के लक्षणों में रोगी को सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देने से आराम पड़ जाता है।
Cimicifuga की वृद्धि – सुबह के समय, सर्दी से, मासिकधर्म के दौरान, मासिकस्राव जितना ज्यादा होगा दर्द भी उतना ही ज्यादा होगा आदि मे रोग बढ़ जाता है।
Cimicifuga की शमन – गरमाई से, खाना खाने से रोग कम हो जाता है।
Cimicifuga की तुलना – सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की तुलना रैमनस कैलिफोर्निका (रैम्नुस कैलीफोरनिका) डेरिस पिन्नाटा (डेरीस पिंनटा), आरिस्टोलोचिया मिलहोमेन्स (ऐरीस्टोलीकिक मील्गोमेंस) कौलोफाइलम, पल्सा, एगारिकस, मैकरोटिन आदि से की जाती है।
Cimicifuga की मात्रा – सिमिसिफ्यूगा रेसमोसा 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की पहली से तीसवीं शक्ति तक रोगी को देने से लाभ मिलता है।
लेखक द्वारा : हमें उम्मीद है आज का हमारा यह लेख Cimicifuga 30 Uses In Hindi आपको जरुर पसंद आया होगा और साथ ही आपको समझ आया होगा की Cimicifuga 30 का उपयोग किन-किन लक्षणों में किया जा सकता है |