Agaricus Muscarius 30 Uses In Hindi |ऐगारिकस मस्केरियस 30 का उपयोग और लाभ
Agaricus Muscarius 30 Uses In Hindi : जिन वृद्ध (बूढ़े) व्यक्तियों के शरीर में खून संचारण की गति कम हो गई हो, शराब पीने या अधिक नशीले पदार्थो के सेवन करने से स्वास्थ्य बिगड़ गया हो तथा उसके बच्चों में भी कुछ ऐसे ही लक्षण हो तो इस प्रकार के लक्षणों में Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग लाभदायक है।
Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन ठण्डी प्रकृति वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। जो व्यक्ति यह कहते हैं कि उनके शरीर की खून की शक्ति घट गई है, इसलिए अब ठण्ड बर्दाश्त नहीं हो रही है। कई प्रकार के गलत कार्य जिनसे खून की ताकत घटती है तथा नाड़ियों की कार्य शक्ति भी घट जाती है। रोगी के सिर के बाल झरने लगते हैं, शरीर का मांस और चमड़ी ढ़ीली पड़ जाती है तथा अनेकों प्रकार के स्नायुविक लक्षण दिखाई देते हैं। इस प्रकार के लक्षण होने पर इसका प्रयोग बहुत अधिक लाभदायक होता है।
पहले से किये गये दुष्कर्म कार्य के कारण बुढ़ापे की स्थिति हो गई हो तथा आनुवांशिक कमजोरी होने के कारण उत्पन्न रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन बहुत उपयोगी है।
रोगी को बहुत ठण्ड महसूस होती है। शरीर के किसी भी स्थान की मांसपेशी या हाथ-पैरों का कंपकंपाना, रात के समय में नींद खुलते ही कपंकपी होना और नींद आते ही कंपकंपी बंद हो जाना। सिर का ऊपरी भाग कांपने लगता है, सोने पर सिर की कपंकपी बंद हो जाती है। कभी-कभी शरीर के अनेकों अगों में झनझनाहट और कम्पन होती है तथा रोगी में तान्डव रोग (नाचने का पागलपन) के सारे लक्षण हो जाते हैं। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में है तो उसे Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देना चाहिए जिसके फलस्वरूप उसका रोग ठीक हो जाता है तथा बहुत अधिक लाभ मिलता है।
बच्चा चलना और बोलना दोनों ही बहुत देर से सीखता है। बच्चे की हडि्डयों की कोमलता और पोषण ठीक प्रकार से न होने के कारण जल्दी खड़ा नहीं हो पाता, मन तथा मस्तिष्क के सोचने की शक्ति कम हो जाती है, बच्चे को कुछ भी सीखने में उसे बहुत देर लगती है, वह गलतियां बहुत अधिक करता है और उसे कुछ भी याद नहीं रहता। उसे डर बहुत अधिक लगता है तथा डांटने से बेहोश हो जाता है। इस प्रकार के लक्षण यदि किसी बच्चे में है तो उसके इस रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग बहुत ही उपयोगी है।
रोगी का मन तथा मस्तिष्क का कार्य करने की शक्ति नष्ट हो गई हो, रोगी को सुबह के समय में कुछ भी समझ में नहीं आता हो कि क्या करना है क्या नहीं करना है, लेकिन शाम के समय में वृद्धि सही हो जाती है। रोगी शराबी की तरह चिल्लाता और बड़बड़ाता रहता है। कभी-कभी मुंह से सीटी बजाता है, बात का जवाब नहीं देता। लगातार भविष्य के बारे में कुछ न कुछ बकता रहता है, कोई भी कार्य करने में मूर्खो की तरह लापरवाही करता हो और कभी-कभी सही बुद्धि होने का परिचय देता हो। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
जब रोगी डकार लेता है तो सेब के फल की गन्ध आती है, दांत अस्वाभाविक तथा बड़े महसूस हो रहे हो, पेशाब करते समय पेशाब का ठण्डा होना महसूस हो रहा हो। इस प्रकार के लक्षणों को दूर करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन निम्नलिखित लक्षणों के में उपयोगी हैं – Homeopathic Medicine Agaricus Muscarius 30 Uses In Hindi
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए मन से सम्बन्धित लक्षण
रोगी गाता रहता है तथा कुछ बोलता रहता है लेकिन कुछ पूछने पर जवाब नहीं देता है। अधिक बोलता रहता है, कोई भी कार्य नहीं करता है। रोगी डरता है, चिल्लाता है तथा कुछ न कुछ बड़बड़ाता रहता है। रोगी कुछ न कुछ भविष्यवाणी करता रहता है। रोगी को जंभाई होने लगती है, रोगी को हल्की उत्तेजना होती है या नशीलापन स्वभाव का हो जाता है या रोगी अधिक चीखता-चिल्लाता रहता है तथा स्वयं को घायल करना चाहता है या मानसिक परेशानी अधिक हो गई हो जिसके कारण अधिक थकावट महसूस करता है। इस प्रकार के लक्षण जिस व्यक्ति में हो उसका उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses In Hindi – के लिए सिर से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को धूप से तथा चलते समय चक्कर आते हैं। रोगी को ऐसा महसूस होता है कि उसका सिर लगातार गतिशील अवस्था में रहता है। सिर के पीछे की तरफ वह गिरने लगता है, सिर के पिछले भाग में कोई भारी चीज रखी हो ऐसा रोगी को महसूस होता है। रोगी को सिर में दर्द ऐसा महसूस होता है कि किसी ने उसके सिर में नाखुन या कील गाड़ दिया हो। जब रोगी लम्बे समय तक पढ़ने लिखने का कार्य करता है तो उसके सिर में दर्द होने लगता है।
रोगी को ऐसा महसूस हो रहा हो कि सिर पर बर्फ रखी हो और सुइयां या कांटे के चुभने के जैसा दर्द हो रहा है। रोगी अपने सिर पर गर्म कपड़े रखने की इच्छा करता हो। सिर दर्द के साथ नाक से खून बह रहा हो या गाढ़ा कफ की तरह नाक से स्राव हो रहा हो। इस प्रकार के लक्षण यदि किसी रोगी में है तो उसका उपचार करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए मुंह से सम्बन्धित लक्षण
रोगी के होठों पर डंक मारने जैसा दर्द हो रहा हो तथा इसके साथ ही जलन भी होती रहती है, जीभ का स्वाद मीठा तथा मुंह के अन्दर की ऊपरी भाग अर्थात तालू में छाले हो जाते हैं, जीभ में कील गड़ने जैसा दर्द महसूस होना, हर समय अधिक प्यास लगना, जीभ में अधिक कंपन महसूस होता है तथा जीभ का रंग सफेद हो जाता है, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए गले से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को अपने कान की नली में सुई चुभने जैसा दर्द महसूस होता है और गले में सिकुड़न होती है, बलगम के छोटे-छोटे ठोस थक्के जमकर निकलना, ग्रासनली (भोजननली) में रुखापन, किसी चीज को निगलने में कष्ट महसूस होना। गले के अन्दर खुरचन हो जाना जिसके कारण बोलने में परेशानी होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना उचित होता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi – आमाशय से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को डकारें आती है, तथा डकारें लेने पर पानी का स्वाद सेब जैसा लगता है। नाड़ी में कई प्रकार का दोष उत्पन्न हो जाता है। रोगी को हिचकी आती है। रोगी को भूख तेज लगती है, आमाशय तथा पेट में वायु बनने के कारण पेट फूलने लगता है। मलद्वार से वायु निकलने पर अधिक बदबू आती है, भोजन करने के लगभग तीन घंटे के बाद आमाशय में जलन, जो धीरे-धीरे दबाव में बदलता जाता है। पेट में गड़बड़ी होने के साथ यकृत प्रदेश में तेज दर्द होना। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में हो तो उसका उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से किया जाए तो रोग ठीक हो जाता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए आंखों से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को कोई भी अक्षर पड़ने में परेशानी होती है क्योंकि उसके हाथ हिलते रहते हैं जिसके कारण अक्षर भी हिलते रहते हैं। रोगी को सारी चीजें हिलती-डुलती नज़र आती है। आंखों को देखने की शक्ति कम हो जाती है, अधिक लम्बे समय तक कार्य करने से दृष्टि कमजोर हो जाती है, पलकों के किनारे लाल पड़ गये हो जिनमें खुजली तथा जलन होती है और पलकें आपस में चिपक गये हो। आंख का अन्दरूनी भाग अधिक लाल हो गया हो। इस प्रकार के लक्षण होने पर Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग बहुत लाभकारी है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi for Ear – कान से सम्बन्धित लक्षण
रोगी के कान में जलन व खुजली होती हो और उसे ऐसा महसूस हो रहा हो कि कान ठण्डे पड़कर जम गया है, कान के पास की पेशियों में कंपन होती है तथा तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती हैं। ऐसे रोगी का उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए नाक से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को नाक का कोई रोग हो गया हो तथा नाक के अन्दर या बाहर खुजली मच रही हो और खांसने के बाद छीकें आ रही हो। नाक से पानी निकल रहा हो, नाक का अन्दरूनी कोण अधिक लाल हो गया हो। नाक से गहरे रंग का रक्त स्राव (निकल) हो रहा हो और उससे बदबू आ रही हो। बूढ़े व्यक्तियों में नकसीर रोग हो गया हो तथा उन्हें नाक में तथा मुंह में दर्द हो रहा हो। ऐसे रोगियों की चिकित्सा करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से हो सकता है तथा इससे उपचार करने से रोगी को बहुत आराम मिलता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi for Face – चेहरे से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को अपने चेहरे की पेशियों में अकड़न महसूस होती है, चेहरे पर खुजली और जलन होती है। गालों पर दर्द महसूस होता है तथा दर्द ऐसा महसूस होता है कि जैसे किसी ने गाल पर सुइयां चुभो दिया हो। नाड़ियों में दर्द तथा रोगी को दर्द ऐसा महसूस होता है कि जैसे-बर्फ के समान ठण्डी सुइयां चुभ रही हो और नोकदार बर्फ का स्पर्श करा दिया गया हो। इस प्रकार के लक्षण यदि किसी व्यक्ति में हो तो उसका उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए पेट से सम्बन्धित लक्षण
जिगर, प्लीहा (सिएनोथस) तथा पेट में सुई चुभने जैसा दर्द होना। पेट के बायीं ओर की छोटी पसलियों के नीचे सुई चुभने अहसास होता हो अतिसार (दस्त) के साथ मलद्वार से बदबूदार वायु निकलती हो और मल से अधिक बदबू आ रही हो, इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में हो तो उसका उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए मूत्र से सम्बन्धित लक्षण
मूत्रमार्ग में सुई चुभने जैसा दर्द महसूस होना, पेशाब करने की इच्छा अधिक हो रही हो तथा बार-बार पेशाब आ रहा हो तो रोगी का उपचार Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना फायदेमंद होता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi for Female – स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण
स्त्रियों को मासिकधर्म के समय में रक्त का स्राव अधिक हो रहा हो तथा मासिक धर्म नियमित समय से पहले ही शुरु हो गया हो, प्रजनन अंगों तथा कमर में खुजली और फाड़ने जैसा दर्द और दबाव महसूस हो रहा हो। प्रजनन अंग के नीचे की ओर दबाव पड़ने के साथ तेज दर्द और रजोनिवृति के बाद तेज दर्द, कामोत्तेजना तथा चूचुकों में खुजली और जलन हो रही हो। बच्चे को जन्म देने के बाद या संभोग करने के बाद प्रजनन अंग में अधिक दर्द हो रहा हो, मासिक स्राव के समय में योनि में अधिक खुजली मच रही हो। इनमें से कोई भी लक्षण स्त्रियों में हो तो Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना लाभदायक होता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi Breath – श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को तेज खांसी हो रही हो, खाना खाने के बाद कष्ट अधिक हो रहा हो तथा खांसी बंद होते ही सिरदर्द शुरु हो जाता हो। रोगी को रात के समय में अधिक खांसी हो तथा बलगम छोटे-छोटे थक्के के रूप में निकल रहा हो और सांस लेने में परेशानी हो रही हो, छीकें आने पर खांसी आना बंद हो जाता हो। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए हृदय से सम्बन्धित लक्षण
धूम्रपान करने के बाद धड़कन की गति अनियमित रूप से चल रही हो तथा नाड़ी की गति भी अनियमित रूप से हो गई हो। हृदय के आस-पास अधिक दबाव महसूस हो रहा हो और स्तन में अधिक सिकुड़न हो गया हो और रोगी का चेहरा लाल हो गया हो, इस प्रकार के लक्षण से पीड़ित रोगी को Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से करना चाहिए, इस औषधि के फलस्वरूप रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है तथा रोगी को बहुत अधिक आराम मिलता है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi for Skin – त्वचा रोग से सम्बन्धित लक्षण
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शरीर की त्वचा में खुजली, जलन, लाली और सूजन आ गई हो। त्वचा पर जो फुंसिया हो वो अधिक कठोर हो गई हो तथा उसमें अधिक तेज दर्द हो रहा हो। त्वचा के दाने पर अधिक खुजली तथा दर्द हो रहा हो। शरीर के कई अंगों पर गुलाबी रंग के दाने हो गए हो। त्वचा पर सूजन तथा सूजी हुई अंग अधिक ठण्डी पड़ गई हो। शरीर के कई भागों पर लाल-लाल, धब्बेदार दाने हो गये हो तथा इसके साथ इन भागों में अधिक खुजली मच रही हो। इनमें से कोई भी लक्षण यदि किसी रोगी में है तो उसको ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi के लिए नींद से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को अधिक जंभाइयां आ रही हो, पूरे शरीर पर अधिक जलन तथा खुजली मच रही हो, सोते-सोते एकदम से चौंक जाना, पड़पड़ाना और बार-बार नींद का खुल जाना। अधिक सपने आना। दिन में नींद न आना, जंभाई लेने के बाद बिना किसी कारण से हंसी आती रहती हो। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में हैं तो उसके रोगी को ठीक करने में Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग लाभकारी है।
Agaricus Muscarius 30 Uses in Hindi Fever – के लिए बुखार से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को ठण्डी हवा अच्छी लगती हो, शाम के समय में शरीर अधिक गर्म हो जाता हो तथा शरीर से अधिक पसीना निकलता हो तथा शरीर के कुछ भागों में जलन हो रही हो तो ऐसे रोगी का उपचार करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 के लिए पीठ से सम्बन्धित लक्षण
रोगी के पीठ में तथा मेरुदण्ड के पास अधिक दर्द हो रहा हो, कमर पर दर्द, खुली हवा में रहने पर दर्द में और भी तेजी हो जाता हो, पीठ में अकड़न हो गया हो तथा गर्दन की पेशियों में अकड़न हो गया हो, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 के लिए शरीर का बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को अपने पूरे शरीर में अकड़न महसूस हो रही हो, कूल्हे पर अधिक दर्द हो रहा हो, हड्डी के जोड़ों में अधिक दर्द तथा हाथ-पैरों को हिलाने-डुलाने से आराम मिलता हो, कमर की हडि्डयां अधिक कमजोर हो गई हो, रोगी चलने में लड़खड़ाने लगता हो, पैरों की अंगुलियों तथा पैरों में खुजली मच रही हो और रोगी को ऐसा महसूस हो रहा हो कि पैरों पर बर्फ जम गई है।
पैरों के नीचे तलुवों में हल्का दर्द, टांग की लम्बी हड्डी में दर्द हो रहा हो। शरीर के कई अंगों में लकवा रोग का प्रभाव तथा इसके साथ बाजुओं में असहनीय दर्द की अवस्था। टांग के ऊपर एक टांग रखकर बैठने से टांगें सुन्न हो जाती हो, बायीं भुजा में लकवा रोग का प्रभाव तथा इसके साथ इसमें दर्द तथा धड़कन की गति बढ़ गई हो। रोगी के पिण्डलियों में तेज दर्द तथा खिंचाव हो रहा हो। इनमें से जो कोई भी लक्षण रोगी में हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agaricus Muscarius 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Agaricus Muscarius 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Agaricus Muscarius 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
Agaricus Muscarius 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
Agaricus Muscarius 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
अगर आप Agaricus Muscarius 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Agaricus Muscarius 30 से सम्बंधित चेतावनी – Agaricus Muscarius 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Agaricus Muscarius 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Psorinum 200 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Agaricus Muscarius 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
Agaricus Muscarius 30 दवा का सेवन करने में परहेज – Avoidance While Taking Agaricus Muscarius 30 Medicine
Psorinum 200 होम्योपैथिक दवा का सेवन करते समय सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार का परहेज करना नहीं होता है मगर, होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करते समय कच्चे प्याज, लहसुन, का उपयोग नहीं करना चाहिए इनका उपयोग करना होम्योपैथिक दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है |
इसके अलावा अगर आप गुटका या पान खाते है तो होम्योपैथिक उपचार के समय इसको खाने से बचना आपके लिए लाभकारी होगा
अगर आपको स्मोकिंग की आदत है तो भी आपको होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते समय स्मोकिंग करने से बचना चाहिए क्योंकि स्मोकिंग करने के कारण होम्योपैथिक दवाओं का प्रवाभ काम हो जाता है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Agaricus Muscarius 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Agaricus Muscarius 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) : ठण्डी खुली हवा में, खाना खाने के बाद, संभोग क्रिया करने के बाद, ठण्डे मौसम में रोगी के रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
शमन (एमेलिओरेशन. ह्रास) :- पीठ पर दबाव पड़ने से रोगी को हंसी आ जाती है तथा धीरे-धीरे हिलने व चलने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
प्रतिविष :- काफिया, कैम्फर तथा एबिंसथियम।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
शराबियों की बेहोशी की समस्या को ठीक करने में कैना-इन्डा, हायोस, ऐक्टिया, कैलि-फास, लैक, नक्स-वोम, ओमि और स्ट्रैमो औषधि से Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की तुलना की जा सकती है।
एक्टि, कल्के-का, लैक तथा स्ट्रैम औषधि के कुछ गुणों की तुलना Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :- Agaricus Muscarius 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की 3X, 30, 200 शक्ति का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए