Agnus Castus 30 Uses in Hindi | ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग
Agnus Castus 30 Uses in Hindi : ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रभाव जननेन्द्रियों पर बहुत अधिक पड़ता है। ऐग्नस कैस्टस 30 का उपयोग उत्तेजना की शक्ति को घटाने के साथ मन में उदासी लाता है, लेकिन यदि स्नायु-ऊर्जा (नर्वस एंर्जी) नष्ट हो गई हो तो ऐसी अवस्था में इसका प्रयोग लाभदायक है। ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का विशेष प्रभाव स्त्री तथा पुरुषों दोनों के प्रजनन अंगों पर पाया जाता है, लेकिन पुरूषों पर इसका अधिक प्रभाव होता है।
अधिक कामवासना के फलस्वरूप समय से पहले ही बुढ़ापा की अवस्था उत्पन्न हो गई हो तो ऐसे व्यक्तियों को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन बहुत अधिक लाभदायक है।
मोच तथा मरोड़ को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन बहुत अधिक लाभदायक है। शरीर के सभी भागों, विशेषकर आंखों में चुभने जैसी खुजली होती है तो इस होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग लाभकारी है।
स्नायुविक प्रकृति वाले व्यक्तियों में अधिक तम्बाकू का सेवन करने से होने वाले रोगों को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।
Agnus Castus 30 Homeopathic Medicine Uses in Hindi – ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन के उपयोग और लाभ :
जो लोग काम की उत्तेजना में अन्धे होकर दुष्कर्म करके अपने शुक्राणु को नष्ट करते हैं, वे ही स्नायु कमजोरी के रोग से पीड़ित होते हैं और निकम्मा और निंन्दायुक्त जीवन व्यतीत करते हैं। स्नायु में अत्यधिक कमजोरी अर्थात मस्तिष्क शून्यता और नाड़ियों का ठीक प्रकार से कार्य न करने पर ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग लाभदायक है।
जो व्यक्ति जवानी में अधिक मौज-मस्ती करते रहे हैं और कामवासना में अधिक डूबे रहने के कारण शारीरिक रूप से कमजोर तथा नपुंसक हो जाते हैं, उनके रोग को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग लाभकारी है।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi – ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन निम्नलिखित लक्षणों में उपयोगी हैं :
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Mind – मन से सम्बन्धित लक्षण :
लैंगिक दोष (सेक्सुअल मेलंकोली) उत्पन्न होना, मृत्यु का भय होना। अधिक उदासी के साथ जल्दी मृत्यु का भय महसूस हो रहा हो। मन-मस्तिष्क स्थिर न रहना, याददास्त कमजोर होना, किसी कार्य को करने में उत्साह न होना। मछली तथा कस्तूरी की गंध महसूस होना, स्नायु में अधिक कमजोरी होना और इन लक्षणों से पीड़ित रोगी भविष्यवणियां करता रहता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Eye – आंखों से सम्बन्धित लक्षण :
आंखों की पुतलियां फैली हुई हो, आंखों के आस-पास चारों ओर खुजली हो रही हो तथा अधिक भय हो तो ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Nose – नाक से सम्बन्धित लक्षण :
मछली तथा कस्तूरी की बदबू महसूस हो रही हो तथा नाक के नथुने के पिछले भाग में दर्द हो रहा हो जो दबाने से कम होता है, इस प्रकार के लक्षणों को दूर करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Stomach – पेट से सम्बन्धित लक्षण :
तिल्ली में सूजन आ गई हो तथा इसके साथ तेज दर्द हो रहा हो। मल मुलायम हो रहा हो तथा मलान्त्र में वापस चला जाता हो, मलत्याग करने में बहुत अधिक परेशानी हो रही हो। मलद्वार पर गहरी दरारें पड़ गई हो। रोगी को जी मिचलाने के साथ ऐसा महसूस हो रहा हो कि आंतें नीचे की ओर दबा दी गई हैं तथा अंतों को सहारा देने का मन कर रहा हो। इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Male पुरुष रोग से सम्बन्धित लक्षण :
रोगी को पीले रंग का पेशाब हो रहा हो, लिंग में उत्तेजना न हो। नपुंसकता रोग हो गया हो। प्रजनन अंग ठण्डे तथा ढीले पड़ गये हो। रोगी को संभोग करने की इच्छा समाप्त हो गई हो। सम्भोग क्रिया करे बिना ही वीर्यपात हो जाता हो। कोई पुराना सुजाक रोग हो। अण्डकोष ठण्डे, सूजे हुए, कठोर तथा दर्दनाक हो गए हों। इनमें से कोई भी लक्षण यदि रोगी में हैं तो उसके रोग को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi For Female स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :
मासिकधर्म के समय में स्राव बहुत कम हो रहा हो। सम्भोग करने के प्रति घृणा हो रही हो, जननांग ढीले पड़ गए हो तथा इसके साथ प्रदर (योनि से पीला या पारदर्शी रंग का स्राव होना) रोग हो गया हो। स्तनों में दूध की कमी हो गई हो तथा उदासीपन महसूस हो रहा हो। बांझपन रोग हो गया हो। दिमाग में गर्मी होने के कारण पागलपन की स्थिति उत्पन्न हो गई हो तथा इसके साथ ही नाक से खून निकल रहा हो। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी स्त्री को है तो उसके लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन देना चाहिए।
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Agnus Castus 30 Uses in Hindi के लिए वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) : अधिक वीर्यपात करने तथा स्त्रियों को अधिक रक्तस्राव होने और किसी भी प्रकार से शरीर का खून अधिक नष्ट होने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi के लिए सम्बन्ध (रिलेशन) : ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन के कुछ गुणों की तुलना सेलीनियम, कैम्फर, फास्फोरिक एसिड, लाइकोपोडियम होम्योपैथिक मेडिसिन से कर सकते हैं।
नपुंसकता रोग को ठीक करने में ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से कैलेडियम सेलेनियम होम्योपैथिक मेडिसिन की तुलना की जा सकती है।
Agnus Castus 30 Uses in Hindi के लिए मात्रा (डोज) : ऐग्नस कैस्टस 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की प्रथम से छठी शक्ति का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
Agnus Castus 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Agnus Castus 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Agnus Castus 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Agnus Castus 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Agnus Castus 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Agnus Castus 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Agnus Castus 30 से सम्बंधित चेतावनी – Agnus Castus 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Agnus Castus 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Agnus Castus 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Agnus Castus 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Agnus Castus 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Agnus Castus 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |