Anacardium 200 Uses In Hindi | एनाकार्डियम के उपयोग और लाभ
क्या आप खोज रहे है – Anacardium 200 Uses In Hindi, Anacardium 30 Uses In Hindi, Anacardium Orientale 200 Uses In Hindi, एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन तो यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा
एनाकार्डियम 200 औषधि एक बहुत ही उपयोगी और मूल्यवान औषधि है। रोगी को भूख अधिक तेज लगती है जिसके कारण रोगी खाना तथा पानी को जल्दी-जल्दी निगलता है और खाता है। रोगी जब खाली पेट रहता है तो उसके पेट में तेज दर्द होता है और कुछ भोजन कर लेने पर रोगी को दर्द से राहत मिल जाती है। लेकिन खून की उल्टी होने पर उस समय राहत मिलती है जब पाचन क्रिया पूरी हो जाती है।
भोजन के दो तीन घंटे बाद पेट का दर्द बहुत बढ़ जाता है और उस समय तक यह दर्द बना रहता है जब तक पाचन क्रिया पूरी नहीं होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग लाभदायक है। रसटक्स के प्रयोग से उत्पन्न विष (जहर) को नष्ट करने के लिए भी एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
विभिन्न लक्षणों में एनाकार्डियम 200 औषधि का उपयोग – Homeopathic Medicine Anacardium 200 Uses In Hindi
पेट से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi For Abdomen
पेट खाली रहने के समय में पेट में दर्द होना तथा कुछ भोजन कर लेने के बाद दर्द कम हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
मल से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi For Stool
रोगी को बार-बार शौच (मलत्याग) करने की इच्छा होती है, लेकिन मलत्याग करने पर मल ठीक से नहीं होता है, मलान्त्र की क्रिया पूरी शक्ति से न होने के कारण या मलान्त्र का भाग लकवा से प्रभावित हो जाने के कारण इस प्रकार की अवस्था उत्पन्न होती है। रोगी को ऐसा महसूस होता है कि गुदाद्वार में कोई लकड़ी जैसी चीज या गोला अटका गया है। लेकिन जब भी वह मलत्याग करने के लिए बैठता है, तो उसको कब्ज की समस्या होने के कारण मलत्याग सही से नहीं होता है और इस प्रकार के लक्षणों के साथ ही रोगी की स्मरण शक्ति कम हो गई हो तो इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।
स्मरण शक्ति से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi
रोगी की स्मरण शक्ति कम हो जाती है, वह हर बात में कसम खाता है और छोटी-छोटी बातों में लोगों को समझाने लगता है। मन में तरह-तरह की बातें आती रहती हैं। रोगी की इच्छा एक काम करने को होती है तो दूसरी इच्छा उस काम को न करने की होती है। शरीर के कई अंगों में ऐसा दर्द होता है जैसे कि किसी ने लकड़ी से चोट मार दी हो। रोगी अपने आस-पास की हर वस्तुओं को सन्देह की दृष्टि से देखता है, वह जब चलता है तो उसे अधिक परेशानी होती है, उसकी सारी इन्द्रियों में एक प्रकार की कमजोरी महसूस होती है तथा चलने के समय उसे ऐसा लगता है जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग लाभकारी है।
इन्हें भी पढ़े
- China 30 Uses in Hindi : चायना 30 के उपयोग और लाभ
- Sulphur 200 Uses in Hindi : सल्फर 200 के उपयोग और लाभ
- Acid Phos 30 Uses in Hindi : एसिड फ़ॉस 30 के उपयोग और लाभ
- Thuja 30 Uses in Hindi : थूजा 30 के उपयोग और लाभ
बूढ़े व्यक्ति से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi For Old Man
ऐसे बूढ़े व्यक्ति जिनका स्वास्थ्य टूट गया हो और स्वास्थ्य टूटने के कारण जिनकी स्मरण शक्ति नष्ट हो गई हो तो ऐसे रोगी के रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना उचित होता है।
मन से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi For Mind
रोगी के मन में यह धारणा होती है कि वह एक नहीं दो है। उसके शरीर में दो आत्मायें है, एक आदेश देती है तो दूसरी उसका विरोध करती है। रोगी सोचता है कि उसका शरीर और आत्मा अलग-अलग हैं और रोगी अपने ऊपर दो आत्माओं का अधिकार समझता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
शरीर के विभिन्न अंगों से सम्बन्धित लक्षण – Anacardium 200 Uses In Hindi For Organs
शरीर के कई अंगों में कुछ गुल्टियां महसूस होती है और शरीर का वह अंग कड़ा हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।
लकवा से सम्बन्धित लक्षण
रोगी के शरीर की मांसपेशियों में लकवा रोग का प्रभाव हो जाता है जिसके कारण ज्यादातर घुटनों में लकवा मार जाता है, कभी-कभी ऐसा महसूस होता है जैसे कि घुटने पर कसकर पट्टी बंधी हुई है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) – किसी करवट लेटने से, रगड़ने से, किसी चीज को पकड़कर रखने से, भूखा रहने से, मानसिक परिश्रम करने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
शमन (एमेलिओरेशन- ह्रास) – भोजन करते समय रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
सम्बन्ध (रिलेशन) – कैंथ, रैन-ब, रस-टा और सल्फर औषधियों के कुछ गुणों की तुलना एनाकार्डियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन से कर सकते हैं।
Anacardium 200 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Anacardium 200 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Anacardium 200 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Anacardium 200 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Anacardium 200 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Anacardium 200 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Anacardium 200 से सम्बंधित चेतावनी – Anacardium 200 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Anacardium 200 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Anacardium 200 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Anacardium 200 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Anacardium 200 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Anacardium 200 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |