Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi | औरम मेटालिकम 30 उपयोग और लाभ
Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi : औरम मेटालिकम औषधि का प्रभाव शरीर के खून, हडि्डयों तथा ग्रंथियों की दोषपूर्ण क्रिया पर पड़ता है जिसके प्रभाव से कई प्रकार के रोग जो खून, हडि्डयों तथा ग्रंथियों से सम्बन्धित होते हैं, वे ठीक हो जाते हैं। उपदंश रोग से पीड़ित रोगी में पाए जाने वाले मानसिक लक्षणों को दूर करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि उपयोगी है। जिन रोगियों में अधिक निराशा, उत्साह की कमी, आत्महत्या करने की इच्छा, रोगी हर समय आत्महत्या करने का अवसर ढूंढता रहता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
औरम मेटालिकम 30 निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं – Homeopathic Medicine Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi
मन से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Mind
रोगी को आत्महत्या करने का मन करता है और अपने आप को बिल्कुल निकम्मा महसूस करता है, निराशा अधिक होने के साथ ही शरीर का रक्तदाब बढ़ जाता है, जीवन में एकदम निराशापन हो जाता है।
इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी आत्महत्या करने की ही बातें करता है, रोगी को मृत्यु से डर लगने लगता है, चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है, जरा सा भी विरोध होने पर जोश में आ जाता है।
रोगी को भय लगने लगता है तथा उसे दिमागी परेशानी होने लगती है, किसी उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना लगातार प्रश्न करता रहता है।
रोगी को शोरगुल अधिक महसूस होती है, उत्तेजना होने लगती है और भ्रम भी होने लगता है तथा रोगी फुर्ती से काम नहीं करता है।
इस प्रकार के मन से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।
सिर से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Head
रोगी के सिर में तेज दर्द होने लगता है तथा रात के समय में और भी तेज दबाव महसूस करता है, रोगी को ऐसा महसूस होता है कि सिर में चक्कर आ रहा है।
रोगी को मस्तिष्क से लेकर माथे तक चीरने तथा फाड़ने जैसा दर्द होता है।
हडि्डयों में दर्द होता है, जिसका प्रभाव चेहरे पर देखने को मिलता है, सिर में अधिक रक्त जमा होने लगता है, सिर पर कई जगह फोड़ें भी हो जाते हैं।
इस प्रकार सिर से सम्बन्धित लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Eye
रोगी के आंखों के आस-पास तथा नेत्रगोलकों (आइबॉल) के अन्दर तेज दर्द होता है।
रोगी को कोई भी चीज दो दिखाई देने लगती है या किसी चीज का ऊपरी आधा भाग दिखाई नहीं देता है।
रोगी को ऐसा महसूस होता है कि आंखे तनी हुई हैं, आग जैसी चमकदार चीजें दिखाई देती है तथा आंख के आस-पास की हडि्डयों में तेज दर्द होता है।
रोगी के स्वच्छमण्ड की नाड़ियां फूली रहती हैं, बाहर से अन्दर की ओर दर्द होता है और रोगी को ऐसा महसूस होता है कि कोई नुकीली चीज आंखों में गड़ रही है तथा आंख की स्वच्छमण्डल में लाली पड़ जाती है।
इस प्रकार के आंखों से सम्बन्धित लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
कान से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को बुखार हो जाता है और इसके साथ ही कान में से पीब बहने लगता है, कान के बाहरी छेद में पीब भर जाता है तथा कान के अन्दरूनी भागों में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
नाक से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Nose
नाक के अन्दर घाव हो जाता है तथा नाक के ऊपरी भाग में सूजन आ जाती है और दर्द होने लगता है। नाक में जलन होने लगती है, नाक से पीब जैसा पदार्थ निकलने लगता है, ज्वलनकारी होता है, कभी-कभी तो नाक से खून भी निलने लगता है, रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे उसके नाक को छेदा जा रहा हो, नाक से सड़ी हुई बदबू आती है, किसी चीज की बदबू सहन नहीं होती है, रोगी के नाक के अन्दर गाठें भी पड़ जाती है। इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।
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मुंह से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Mouth
स्त्रियों के मासिकधर्म की अवस्था शुरू होने के समय में मुंह से बदबू आती है, मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है तथा मसूढ़ों में घाव हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित स्त्रियों का उपचार करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना उचित होता है।
चेहरे से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Face
गाल की हडि्डयों पर चीरने तथा फाड़ने जैसा दर्द होता है और इस दर्द से चेहरे की कई हडि्डयां प्रभावित होती है।
गले से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Throat
जब रोगी खाना खाता है तो उसे निगलते समय गले में दर्द होता है और रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे गले में कोई चीज गड़ रहा हो, गले की ग्रंथियों में दर्द होने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
आमाशय से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Stomach
रोगी को भूख तथा प्यास लगती है, जी मिलचलाने लगता है और दम घुटने लगता है तथा गर्मी भी लगने लगती है। पेट के ऊपर के आधे भाग में सूजन आ जाती है, आमाशय में जलन होने लगती है और गरम-गरम डकारें आती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
पेट से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Abdomen
पेट के दायां भाग अर्थात पर्शुक प्रदेश (हाइपोकोन्ड्रियम) में जलन तथा दर्द होने लगता है, पेट के अन्दर हवा रुक जाती है, छाती की ग्रंथियों में सूजन आ जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
पेशाब से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Urine
रोगी का पेशाब गंदा, मट्ठे जैसा होने लगता है तथा यह कुछ गाढ़ा-गाढ़ा तेल के समान होता है और पेशाब करने में रुकावट होती है, दर्द होने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
मलद्वार से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Anus
रोगी को कब्ज की शिकायत होती है तथा जब वह मलत्याग करता है तो उसका मल ठोस और गठीला होता है, रात के समय में रोगी को दस्त होने लगता है और मलद्वार में जलन होने लगती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
पुरुष रोग से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Male
अण्डकोष में दर्द और सूजन आ जाती है, वृषणों में कठोरतापन उत्पन्न हो जाती है, लिंग में तेज उत्तेजना होती है तथा बच्चों के वृषण सिकुड़ जाते हैं। जलवृषण रोग (हाइड्रोसिल.अण्डकोष में पानी भर जाना)। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Female
रोगी स्त्री के योनि में तेज उत्तेजना होती है। बच्चेदानी बढ़ने लगती है और बच्चेदानी अपने स्थान से हट जाती है। बांझपन का रोग तथा इसके साथ ही योनि में तेज जलन होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी स्त्री के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
हृदय से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Heart
रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे दो या तीन सेकेण्ड के लिए धड़कन बंद हो गई हो तथा इसके बाद दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है और इसके साथ ही पाचनतंत्र में दबाव महसूस होता है। रोगी की नाड़ी तेज चलने लगती है तथा कमजोरी महसूस होती है और धड़कन अनियमित गति से चलने लगती है। हृत्पिण्ड फैल जाती है, उच्च रक्तचाप हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Breath
रोगी को रात के समय में सांस लेने में परेशानी होती है, बार-बार जोर से सांस लेना पड़ता है, छाती की हडि्डयों में सुई चुभने जैसी अनुभूति होती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
हडि्डयों से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Bone
सिर की हडि्डयों में दर्द होता है तथा चक्कर आने लगता हैं, शरीर की हडि्डयों में फोड़ा हो जाता है तथा रात के समय में हडि्डयों में तेज दर्द होता है। नाक, तालु तथा कान की हडि्डयों में तेज दर्द होना। रोगग्रस्त हडि्डयों में तेज दर्द होना, खुली हवा में रोग के लक्षण कुछ कम हो जाते हैं और रात के समय में लक्षणों में वृद्धि होती है। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For External Organs
रोगी को ऐसा महसूस होता है कि सिर की ओर से सारा खून पैरों की ओर जा रहा है, कई अंगों में सूजन आ जाती है। रोगी को संभोग की उत्तेजना अधिक होने लगती है और रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे उसका सारा खून उबल रहा हो। हडि्डयों के जोड़ों में लकवा का प्रभाव होता है और हडि्डयों के जोड़ों में चीर-फाड़ जैसा दर्द होता है, घुटने कमजोर हो जाते हैं। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
नींद से सम्बन्धित लक्षण – Aurum Metallicum 30 Uses In Hindi For Sleeping
रोगी को नींद ठीक से नहीं आती है तथा उसे अनिद्रा रोग हो जाता है, इसके अलावा नींद के समय में जोर-जोर से सिसकियां भरता है और डरावने सपने देखता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
सम्बन्ध (रिलेशन) – सेफेलिनम तथा औरम मेट औषधियों के कुछ गुणों की तुलना औरम मेटालिकम औषधि से कर सकते हैं।
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) – ठण्ड के मौसम में सर्दी लग जाने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। बहुत से रोगों में सर्दी के मौसम में तथा सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक लक्षणों में वृद्धि होती है।
शमन (एमेलिओरेशन ह्रास) – गर्म हवा में, सुबह के समय में तथा गर्मी के मौसम में रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
मात्रा – औरम मेटालिकम औषधि की 3 से 30 शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। 30 वीं शक्ति बढ़े हुए रक्तचाप में विशेष उपयोगी है।
Aurum Metallicum 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Aurum Metallicum 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Aurum Metallicum 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Aurum Metallicum 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Aurum Metallicum 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Aurum Metallicum 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Aurum Metallicum 30 से सम्बंधित चेतावनी – Aurum Metallicum 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Aurum Metallicum 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Aurum Metallicum 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Aurum Metallicum 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Aurum Metallicum 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Aurum Metallicum 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |