Belladonna 30 Homeopathy Uses In Hindi – बेलाडोना उपयोग और सम्बंधित लक्षण
Belladonna 30 Homeopathy Uses in Hindi : बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का उपयोग करने से इसका प्रभाव स्नायुतन्त्र पर पड़ता है जिसके कारण उत्पन्न रोग जैसे सक्रिय रक्तसंकुलता का होना, रोगी की उत्तेजना का तेज होना, स्फुरण, लकवा और रोगी की ज्ञानेन्द्रियों की विशिष्ट क्रिया के पलट जाने और दर्द जैसी शांत लक्षणों को उत्पन्न कर उससे संबन्धित रोगों को जड़ से समाप्त करता है।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के सेवन करने से शरीर पर मेडिसिन भिन्न प्रतिक्रिया कर विभिन्न प्रकार के लक्षणों, जैसे- रोगी के शरीर का गर्म रहना और उसकी त्वचा का लाल हो जाना, रोगी का चेहरा तमतमाता हुआ, उसकी आँखे चमकदार और रोगी की गर्दन की नाड़ियों में जलन होती है, मन में उत्साह, सभी ज्ञानेन्द्रियों की शक्ति का बढ़ जाना, बेहोशी की स्थितियां, मुंह और गले की खुश्की के साथ पानी पीने से घृणा, रोगी कके शरीर में अचानक आने और जाने वाले तंत्रिकाओं के दर्द और जलन जैसे लक्षणों को ठीक करने के लिए इस मेडिसिन का उपयोग किया जाता है। मिर्गी के दौरों के बाद मितली आना और उल्टी होना आदि क्रिया में बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
आरक्त ज्वर के लिए बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन सबसे अधिक लाभकारी होती है। इस रोग में बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन 30 शक्ति की मात्रा का सेवन करना चाहिए।
इस औषधि का प्रयोग हवाई यात्रा के समय होने वाले अनेक शिकायतों में लाभकारी है। यह औषधि भय, अधीरता और प्यास का अधिक लगना कम करता है।
अचानक उत्पन्न होने वाले किसी रोग में तेज दर्द के लिए भी यह अधिक लाभकारी औषधि है।
विभिन्न लक्षणों के आधार पर बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का उपयोग और लाभ – Belladonna 30 Homeopathy Symptoms, Uses and Side Effect in Hindi
बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए मन से संबन्धित लक्षण
मानसिक रोग से ग्रस्त रोगी अपने ही विचारों के विभिन्न रूपों में भटकटा रहता है। रोगी को अनेक प्रकार के स्वप्न आते हैं और अनेक प्रकार की चीजें दिखाई देती हैं तथा रोगी को अपने वस्तविकता के कोई ज्ञान नहीं रह जाता। मानसिक रोगी अपने अनेक विचारो में ही उलझकर चिन्तन करता रहता है।
मन के कुछ ऐसे विचार भी उत्पन्न होते हैं जिसके कारण रोगी भयभीत और घबराया हुआ रहता है। मानसिक रोग से ग्रस्त रोगी को भूतप्रेत और भयानक चेहरे, प्रलाप, भय लगना, इच्छा के विरूद्ध उत्पन्न आकृतियां दिखाई देना, रोगी के अन्दर अधिक गुस्सा रहता हैम, रोगी के मन में दूसरे को मार डालने जैसी इच्छा पैदा होती है और उसके मन में भागने जैसी मनोभावना बनी रहती है तो इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी को बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन कराना चाहिए।
इस औषधि के प्रयोग से रोगी का भय दूर होता है तथा अनचाहे रूप से दिखाई देने वाली आकृति का आना समाप्त हो जाता है। अगर रोगी को मानसिक रोग हो जाता है ऐसे में अचेतन की स्थिति बन जाती है और उसकी ज्ञानशक्ति पलट जाने के साथ रोगी की आंखों में आंसू आते रहते है अगर इस प्रकार की मानसिक अवस्था के लक्षण उत्पन्न होते हैं तो रोगी को बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन कराने से लाभ मिलता है। इस औषधि के सेवन से मानसिक रोग में उत्पन्न होने वाले सभी लक्षण दूर होते हैं।
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बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए सिर रोग से संबन्धित लक्षण
सिर से संबन्धित लक्षणों में बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन अत्यधिक लाभकारी माना गया है। इस औषधि के सेवन से सिर से संबन्धित विभिन्न लक्षण, जैसे- सिर में चक्कर आने के साथ ही सिर के बाईं ओर या पीछे की ओर गिरने जैसा महसूस होना। त्वचा पर हल्का छूने से दर्द होना। शरीर में जलन व गर्मी होने के साथ ही हृदय धड़कने से सिर दर्द का अनुभव होना जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर रोगी को बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन करना चाहिए।
सिर के अन्य लक्षण जैसे सर्दी-जुकाम रूकने से या अन्य कारणों से उत्पन्न होने वाला सिर दर्द। धूप में निकलने व दोपहर के बाद बढ़ने वाला सिर दर्द तथा ऐसे सिर दर्द जो शोरगुल, झटका लगना तथा लेटने के कारण भी बढ़ जाता है। सिर को दबाने से या झुकने से सिर दर्द कम हो जाता है। सिर दर्द होने पर रोगी सिर को तकिये के अन्दर रखता है, सिर पीछे की ओर खिंच जाता है और बार-बार इधर-उधर लुढ़कता रहता है।
रोगी हमेशा गहरी सांस भरता रहता है, बाल बिखर जाते हैं, खुश्क रहते तथा झड़ते हैं। सिर दर्द दाईं ओर अधिक होता रहता है और लेटने पर बढ़ जाता है। सर्दी लगने तथा बाल आदि कटवाने पर भी सिर दर्द होता रहता है। इस तरह के सिर रोग से संबन्धित लक्षणों में से कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर उस लक्षणों से ग्रस्त रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन कराना चाहिए। बेलाडोना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के प्रयोग से सिर से संबन्धित सभी प्रकार के लक्षण दूर होते हैं।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए आंखों से संबन्धित लक्षण
यदि किसी व्यक्ति को लेटने से आंखों की गहराई में जलन होती है। नेत्रपटल फैल गया है। आंखों की सूजन और आंखें बाहर की ओर फैली हुई महसूस हो, आंखें स्थिर हो गई हो, चमकदार, श्वेतपटल लाल और खुश्क हो गया है और उसमें जलन होती है। तेज रोशनी बर्दाश्त न कर पाता है तथा आंखों में गोली लगने जैसा दर्द होता। नेत्रोत्सेध (एक्सोफ्थालम्युस) आंखों का वह रोग जिसमें आंखें बाहर निकल आती है।
सोने पर अनेक प्रकार की आकृति दिखाई देती हैं। अंग गिरते हुए दिखाई देता है। आंखों के ऐसे लक्षण जिसमें व्यक्ति को सामान्य से अधिक वस्तु दिखाई देती हैं। तिर्येकदृष्टि (स्क्वाइटींग), पलकों की ऐंठन। आंखें बंद करने पर भी आंखें अधखुले जैसा लगना। पलकों की सूजन तथा आंखों के निचले भाग में खून का जमाव होना आदि आंखों से संबन्धित रोगों में बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए। इससे आंखों के सभी रोग दूर होते हैं और आंखों में ठण्डक व मन में शान्ति का अनुभव होता है।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए कानों से संबन्धित लक्षण
कान से संबन्धित विभिन्न लक्षण जैसे- कान के बीच भाग में और बाहर चीरने-फाड़ने जैसा दर्द होना। कानों में भिनभिनाहट जैसी आवाज सुनाई देना। कान की झिल्ली फूल जाना और खून का जमाव होना। कान के निचली ग्रन्थियों में सूजन आ जाना जिसके कारण ऊंची आवाज सुनाई न देना। सुनने की शक्ति बढ़ जाना। कान के बीच में सूजन होना। तेज दर्द के कारण रोने की स्थिति बन जाना।
बच्चे में कान रोग से संबन्धित लक्षण उत्पन्न होने पर बच्चे सोते-सोते ही अचानक दर्द के कारण जाग उठता है। कान के अन्दर जलन व स्पन्दनशील दर्द होना जो हृदय की धड़कन से सम्पर्क रखता है। कान का फोड़ा जिसमें खून भरा रहता है। कान की नली की नयी या पुराने रोग उत्पन्न होने पर। अपनी आवाज अपने कानों में गुंजते रहते रहने जैसा लक्षण। इस तरह के कान से संबन्धित लक्षणों से कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन देना चाहिए। बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के प्रयोग से कान से संबन्धित उत्पन्न होने वाले सभी लक्षण समाप्त होते हैं और साथ ही कान के स्राव, सूजन, दर्द तथा अन्य कानों के आन्तरिक रोग भी ठीक होते हैं।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए नाक से संबन्धित लक्षण
नाक की नोक में सुरसुराहट होना। नाक से होने वाले स्राव में दुर्गंध आना। नाक सूजकर लाल हो जाना। नकसीर अर्थात नाक में निकलने वाली छोटी-छोटी फुसिंयों के फूट जाने के साथ ही दर्द से चेहरा लाल हो जाना। तेज जुकाम और नाक से निकलने वाले द्रव्य में खून का मिला होना आदि नाक से संबन्धित लक्षणों में से किसी भी लक्षण से ग्रस्त रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए। इससे नाक के रोग ठीक होते हैं तथा दर्द आदि कम होता है।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन के लिए मुंख से संबन्धित लक्षण
मुंह में खुश्की होने के साथ दांतों में जलनयुक्त दर्द होना। मसूढ़ों में फोड़ा होना तथा जीभ के किनारे लाल दिखाई देना। जीभ पर झरबेर की रंगत के छोटे-छोटे लाल दाने निकल आना। दांतों में सबसबाहट होने के कारण दांतों को पीसना, जीभ का सूज जाना और हकलाहट उत्पन्न होना आदि मुंह से संबन्धित लक्षण उत्पन्न होने पर रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन गले से संबन्धित लक्षण
किसी कारण से गला बिल्कुल सूख जाना और गले में पानी की कमी महसूस होना। अत्याधिक रक्तसंकुलता (कोनगेशन) अर्थात खून का एकत्रित होना। गले का रंग लाल होना दायीं ओर अधिक लाल होना।
किसी कारण से गलतुण्डिकायें अर्थात गले की ग्रन्थि का बढ़ जाना। गले में घुटन महसूस होना। भोजन आदि निगलने में परेशानी होना। गले में कुछ फंसने जैसा अनुभव होना। आहार नली सूखा महसूस होना तथा गले का सिकुड़ा हुआ महसूस होना। गले में ऐंठन सा दर्द होना। बार-बार निगलने की आदत बन जाना तथा ऐसा महसूस होना मानो गला खरोंचा जा रहा है।
इस तरह के गले लक्षणों से ग्रस्त रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन कराना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग में जल्द आराम मिलता है।
बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन आमाशय से संबन्धित लक्षण
आमाशय का रोग ग्रस्त होने से भूख का न लगना। मांस और दूध से मन का भटक जाना। ऐंठन वाला दर्द होना। आमाशय का सिकुड़ जाना तथा आमाशय से उत्पन्न होने वाले दर्द का रीढ़ की हड्डी तक फैल जाना। रोग में मितली और उल्टी की इच्छा बना रहना। प्यास का अधिक लगना विशेषकर ठण्डे पानी को पीने की इच्छा अधिक करना। आमाशय में ऐंठन से दर्द होना, सूखी उबकाइयां, तरल पदार्थो से घृणा तथा बेहोश पैदा करने वाली हिचकी का आना। पानी से डरना तथा उल्टी होने पर बिना रुके उल्टी करना। इस तरह के आमाशय से संबन्धित लक्षणों से ग्रस्त रोगी को बेलाडौना 30 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन करना चाहिए। इससे आमाशय से संबन्धित सभी रोग ठीक होते हैं।
Belladonna 200 Uses In Hindi – बेलाडौना 200 के विभिन्न रोगों से जुड़े लक्षण और उपयोग
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन मल रोग से संबन्धित लक्षण
पतला दस्त आना, हरे रंग का दस्त आना दस्त में आंव का आना आदि मल रोग में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन करना लाभकारी होता है। शौच करते समय सर्दी लगना। मलाशय में डंक मारने जैसा दर्द होना तथा ऐंठन वाला दर्द होना। मल रुकने से गैस बनना तथा गैस के कारण बवासीर रोग उत्पन्न होना तथा कमर दर्द होना आदि मल रोग में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना लाभकारी है। इससे बवासीर में होने वाले मस्से सूख जाते हैं और कब्ज आदि भी दूर होता है। गुदा का चिर जाना (प्रोलेप्सस एनी) आदि में भी बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन मूत्र रोग से संबन्धित लक्षण
मूत्र रोग से संबन्धित लक्षण जैसे- पेशाब रुक जाना अथवा मूत्र नली में होने वाले अन्य रोग। पेशाब नली में कीड़ा रेंगने जैसा महसूस होना। पेशाब का कम मात्रा में आना तथा कूथने की आदत बन जाना। पेशाब का रंग गहरा, फास्फेट से भरपूर होना। मूत्राशय वाले भाग स्पर्शकातर होना। पेशाब का बार-बार आना या पेशाब का बूंद-बूंद कर आना। पेशाब बार-बार और अधिक मात्रा में आना। पेशाब से खून का आना। पुर स्थग्रन्थियां बढ़ जाना आदि लक्षण। इस तरह के लक्षण जिन व्यक्तियों में उत्पन्न होता है उसे बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन करना चाहिए।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन पुरुष रोग के लक्षण
अण्डकोष का कठोर होने के साथ अण्डकोष में खिंचाव और जलन उत्पन्न होना। जननांगों पर रात को अधिक पसीना आना। पुर स्थ द्रव्य(प्रोस्टैटीक फ्ल्युइड) बहना। संभोग की इच्छा कम हो जाना। इस तरह के पुरुषों में उत्पन्न होने वाले लक्षणों में रोगी को बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है। इस औषधि के प्रयोग से नपुंसकता दूर होती है और पुरुष शक्ति बढ़ती है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन स्त्री रोग के लक्षण
स्त्रियों में होने वाले कुछ ऐसे रोग जिसमें शरीर के निचले अंगों में दबाव जैसा दर्द अन्तरंग जननांगों पर फैल जाते हैं तथा योनि सूखी और गर्म रहती है। जांघों के आर-पार खिंचाव होने जैसा दर्द होता। त्रिकास्थि में दर्द होता रहता है। मासिक धर्म संबन्धी परेशानी जैसे मासिक धर्म का अधिक मात्रा में आना, खून चमकता हुआ लाल रंग का आना, समय से पहले ही मासिक धर्म का अधिक मात्रा में आना तथा खून का गर्म रहना। एक नितम्ब से दूसरे नितम्ब तक काटता हुआ दर्द होना।
मासिक धर्म और सूतिकास्राव के साथ गर्म व बदबूदार स्राव होना। अचानक उत्पन्न होने वाला प्रसव दर्द जो अपने आप समाप्त हो जाता है। स्तनों में जलन होना, जलन युक्त दर्द होना, रंगत लाल होना, एक स्तन से दूसरे स्तन तक लाल लकीरें बनना। स्तनों का भारी हो जाना और स्तनों कठोर व लाल रंग का हो जाना।
स्तनों में गांठ होना (ट्युर्मस ऑफ ब्रैस्ट) होना तथा लेटने पर दर्द होना। रक्तस्राव अधिक बदबूदार, गर्म और तेजी से स्राव होना। सूतिकास्राव (लोकिया) की मात्रा कम होना। इस तरह के स्त्री रोग से संबन्धित लक्षणों में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना लाभकारी होता है। इससे मासिक धर्म संबन्धी सभी रोग दूर होते हैं और दर्द व अन्य स्त्री रोग भी ठीक होता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन सांस संस्थान से संबन्धित लक्षण
नाक में खुश्की होना, गलतोरणिका (फोसेस), स्वरयंत्र और सांस नली में खुश्की होना। गले में गुदगुदी के साथ सूखी खांसी आना जो रात को बढ़ जाती है तथा स्वरयंत्र में दर्द अनुभव होना। दम घुटने जैसा अनुभव होना तथा सांस क्रिया का बढ़ जाना। सांस रोग। आवाज कर्कश तथा आवाज का खराब होना। असहनीय दर्द वाला कर्कशता। खांसी के साथ बायें कूल्हे में दर्द होना। खांसी रुक-रुक कर आना, काली खांसी होने पर आमाशय में दर्द होना और बलगम के साथ खून आना। खांसते समय सुई चुभन जैसा दर्द होना।
स्वरयंत्र में कुछ अटकने जैसा दर्द होना जिसके कारण खांसी उत्पन्न होना। तेज आवाज। सांस लेते व छोड़ते समय कराहना। सांस से संबन्धित इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण से ग्रस्त रोगी को ठीक करने के लिए बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन कराना लाभकारी है। इससे सांस के सभी रोग व दर्द समाप्त होते हैं।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन हृदय से संबन्धित लक्षण
हृदय रोग के कारण धड़कन तेज रहती है और धड़कन की प्रतिक्रिया सिर में अनुभव होती है साथ ही रोगी को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है और हल्का काम करने पर भी धड़कन की गति बढ़ जाती है। रोगी व्यक्ति के पूरे शरीर में जलन वाला दर्द होता है। रोगी को दो हृदय की धड़कने सुनाई देती जो शरीर के किसी छिद्र से खून बहने का संकेत देती हैं। अचानक ऐसा लगता है मानो हृदय अधिक बढ़ गया है। नाड़ी की गति तेज होने के साथ उसमें कमजोरी आ जाना। हृदय से संबन्धित इन लक्षणों में रोगी को ठीक करने के लिए बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग किया जाता है। इससे धड़कन की गति सामान्य होती है और रोग ठीक होता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन बाहरी अंगों के लक्षण
यदि किसी व्यक्ति को हाथ-पैरों में गोली लगने जैसे लक्षण वाले दर्द महसूस होते हैं। जोड़ों में सूजन आ जाती है, सूजन वाले स्थान चमकदार लाल रंग का हो जाता है और उस पर लाल रंग की लकीरें बन जाती हैं। रोगी व्यक्ति लड़खड़ाकर चलता है, चलने पर गठिया दर्द बढ़ जाता है। प्रसव के बाद जांघों के ऊपरी हिस्से में दर्द व जलन होता हो। सभी अंगों में झटका महसूस होता हो। अंगों में लकवा मार जाने जैसा महसूस होता है।
लड़खड़ाने पर अपने आप को स्थिर होने में परेशानी तथा हाथ-पैरों का ठण्डा पड़ जाना। इस तरह के बाहरी अंगों से संबन्धित लक्षणों से ग्रस्त रोगी को ठीक करने के लिए बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए। इस औषधि के प्रयोग से अंगों का दर्द, जलन व कमजोरी आदि सभी लक्षण दूर होते हैं।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन गर्दन से संबन्धित लक्षण
गर्दन से संबन्धित विभिन्न लक्षण जैसे-गर्दन का अकड़ जाना। गर्दन की ग्रन्थियों में सूजन आ जाना। गर्दन के जोड़ों में ऐसा दर्द महसूस होना मानो किसी ने गर्दन तोड़ दिया हो। इस तरह के लक्षणों से ग्रस्त रोगी को बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन कमर से संबन्धित लक्षण
पीठ पर तेज दर्द होने के साथ कमर, कूल्हों व जांघों में दर्द होना आदि कमर रोगों में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन त्वचा से संबन्धित लक्षण
त्वचा में रूखापन और सूजन आ जाना, त्वचा छूने से दर्द होना, त्वचा में जलन होना, त्वचा के आरक्त दाने जो फैलता है। लाल रंग का रक्तिम दाग और चेहरे पर फुन्सियां। ग्रन्थियां सूजी में सूजना होना। लाल फोड़ें। गुलाबी मुंहासे तथा पीब युक्त घाव होना। त्वचा का रंग लाल और पीला होना तथा त्वचा पर जलन पैदा होकर उस स्थान को कठोर बना देना आदि त्वचा से सम्बंधित लक्षणों में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग लाभकारी है। इससे त्वचा से संबन्धित सभी रोग ठीक होते हैं।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन बुखार(ज्वर)
अत्यधिक बुखार होने के साथ बुखार में तेजी उत्पन्न होना और शरीर से दूषित द्रव्य का कम निकलना। पूरे शरीर में बुखार के कारण जलन, तीखी, तेज गर्मी का बनना। पैर बर्फ जैसा ठण्डा हो जाना। ऊपर की खून की नली तनी हुई होना। सिर को छोड़कर पूरे शरीर में तेज पसीना आना तथा बुखार के कारण प्यास अधिक लगना आदि बुखार होने पर बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का सेवन किया जाना लाभकारी होता है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन नींद से संबन्धित लक्षण
नींद न आने से बेचैनी बना रहना, सोते-सोते अचानक चिलाकर उठ बैठना और सोते हुए दांत किटकिटाना। रक्तवाहिकाओं में जलन के कारण नींद पूरी न होना और नींद में चिल्लाना। अनिद्रा रोग में परेशानी के बाद नींद आने पर नींद में ही चौंक पड़ना। हाथों को सिर के नीचे रखकर सोना आदि नींद से संबन्धित लक्षणों से ग्रस्त रोगी को ठीक करने के लिए बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग लाभकारी होता है। इससे अनिद्रा रोग में अधिक लाभ मिलता है। इससे नींद अच्छी आती है और नींद न आने से होने वाली थकावट दूर होती है।
बेलाडौना 200 होमियोपैथी दवा की प्रतिविष और दवा की मात्रा – Antidote And Dosage Of Belladonna 30 Homeopathy Medicine
वृद्धि : रोगग्रस्त स्थान को छूने से, क्षेप और हवा लगने पर, शोरगुल, दोपहर के बाद तथा लेटने पर रोगी में बढ़ता है।
शमन : झुकने से रोगी को आराम मिलता है।
तुलना बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन की तुलना सैग्वीसोरवा आफिसिनैलिस 2x 6x से किया जाता है। इसके अतिरिक्त मेण्ड्रेगोरा, स्ट्रामोनियम, होइट्जिया तथा एट्रोपिया से किया जाता है।
प्रतिविष : बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन के प्रयोग करने में असावधानी के कारण यदि कोई हानि होती है तो उस हानि को रोकने के लिए कैम्फर, काफि, ओपियम और ऐकोनाइट औषधि का प्रयोग किया जाता है।
पूरक : कल्केरिया औषधि बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का पूरक औषधि है। यह अधिकतर कुछ दिन पुराने रोग तथा परम्परागत रूप से एक दूसरे से होने वाले रोगों में भी लाभकारी है।
मात्रा : बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन के 1 से 3 शक्ति या उच्च शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है। किसी नये रोग के रोगी में बेलाडौना 200 होमियोपैथी मेडिसिन का प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
Belladonna 30 Homeopathy की खुराख और उपयोग – Belladonna 30 Homeopathy Dosage and Uses
होमियोपैथी में हर दवा के लिए हमारे शरीर से जुड़े बहुत से लक्षण होते है और शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए दवा की अलग अलग मात्रा का उपयोग किया जाता है होमियोपैथी में सामान्यतया होमियोपैथी मेडिसिन की 30, 200, 1m, 3X, 6X आदि पोटेंसी का उपयोग किया जाता है