Causticum 30 uses in hindi | कास्टिकम 30 उपयोग और लाभ
Causticum 30 uses in hindi : यह दवा छोटे बड़े जोड़ों के घटिया बात और दर्द और लकवा में लाभदायक है रोगी को मांसपेशियों में चीरने-फाड़ने और खिंचाव के साथ दर्द होता है जोड़ों का आकार बिगड़ जाता है और मांसपेशियों क्रम शहर निर्बल होती चली जाती है यह दवा उन वृद्धों के लिए लाभदायक है जिनका स्वास्थ्य अब नष्ट हो गया हो हवा की नालियों का नजरा आदि में कास्टिकम दवा ऐसी स्थिति में विशेषता उपयोगी है |
उन व्यक्तियों के लिए लाभदायक होती है जिनकी त्वचा का रंग काला हो और उनकी मांसपेशियां खड़ी हो गए हैं रात को व्याकुलता पढ़ती हो जोड़ों और हड्डियों में दर्द होता हो और उनमें ऐसी निर्भरता आती है जैसे अभी बेहोशी आ जाएगी रोगी की यही दुर्बलता बढ़ते बढ़ते लक्ष्मी का रूप धारण कर लेती है हाथ पांव का लकवा आदि के लिए यह लाभदायक है साथ ही साथ उन बच्चों के लिए भी लाभदायक है जो देर से चलना सीखते हैं।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए मन से सम्बंधित लक्षण
यह दवा उन बच्चों के लिए विशेष लाभदायक होती है जो अकेला नहीं सो सकते और जरा सी बात पर चिकने लगते हैं। किसी भी प्रकार के पुराने भाव को याद करने से तबीयत बिगड़ जाते हैं रोगी अपने रोगों के बारे में सोचता है तो और अधिक कष्ट बढ़ जाता है विशेषताएं खूनी बवासीर के बारे में सोचने पर कष्ट और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
Causticum 30 Uses in Hindiके लिए सर और चहरे से सम्बंधित लक्षण
रोगी को ऐसा लगता है जैसे दिमाग का मध्य भाग खाली हो गया हो और चेहरे की हड्डियों में दर्द है चेहरे पर लंबे-लंबे मस्से जोड़ों में दर्द जिसके कारण मुंह ना खोल सके।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए कान और नाक से सम्बंधित लक्षण
रोगी को कान में घंटियां बजने जैसा महसूस होता है बादल गरजने की आवाज सुनाई देती है कान में तब कल हो और बहरापन इस दवा के लक्षण है रोगी के कान में बार-बार कोई शब्द या किसी के कदमों की आहट गूंजती है कान का इस तरह और मैल अधिक जमा हो जाना इस दवा के प्रमुख लक्षण है।
रोगी को जुखाम हो जाता है जिससे उसकी आवाज खराब हो जाती है नाक पर कील निकल आती है नाक की नथ ना में घाव हो जाता है चेहरे पर फुंसियां और मस्से निकल आते हैं। चलाते समय गाल के भीतरी भाग को दांतो से काट ले मसूड़ों पर जरा सा दबाव पड़ने से खून गिरने लगे यह इस दवा के मुंह से संबंधित लक्षण है।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए आमाशय से सम्बंधित लक्षण
रोगी के मुंह का स्वाद चुनना चुनना हो जाता है और मिठाई खाने से अरुचि हो जाती है रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसके आमाशय में चुना जल रहा है इसके रोगी को ताजा मांस खाने से कष्ट और भी बढ़ जाता है मगर भुना हुआ मांस खाने से कष्ट नहीं भरता ऐसा लगता है जैसे आमा से से गली की तरफ कोई गोला आ रहा हो।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए पखाना से सम्बंधित लक्षण
रोगी का मल नरम और छोटे-छोटे टुकड़ों की उम्र में आता है और वह टुकड़े आप से लिपटे हुए होते हैं रोगी का मंचन भी की तरह चमकता है मलकी छोटे-छोटे चूड़े जो निकालने के लिए जोर लगाना पड़ता है या खड़े होने पर अपने आप मल के झगड़े निकल आते हैं मलद्वार में जलन इसके अलावा भगंदर बवासीर के बड़े-बड़े मस्सों के लिए भी है दवा लाभदायक है।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए पेशाब से सम्बंधित लक्षण
रोगी को खास थी या जीते समय पेशाब अपने आप निकल जाता है और पैसा बहुत धीरे-धीरे उतारता है या कभी-कभी रुक भी जाता है।
रात को सोते समय पेशाब अपने आप निकल जाता हूं जरा सा जोश मिलने पर भी पेशाब अपने आप निकल आता है इसके अलावा अगर ऑपरेशन के बाद पेशाब रुक जाता है तो यह दवा लाभदायक होती है।
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Causticum 30 Uses in Hindi के लिए स्त्री जनन इंद्री से सम्बंधित लक्षण
प्रसव के समय गर्भाशय नरम हो जाता है और मासिक धर्म केवल रात को बंद हो जाता है और दिन में ही आता है लघुरिया का एहसास तरह जो रात को बहता है और उसके साथ शरीर में भारी कमजोरी देखने को आते हैं इसके अलावा मासिक देर से आने में भी इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए स्वास संस्थान से सम्बंधित लक्षण
रोगी को ऐसी कौन सी होती है जिसमें छाती में दुखन और कच्ची फोन की अनुभूति हो उसका स्वर बिगड़ जाता है और छाती में दर्द होने लगता है ऐसी खांसी जिसके साथ कब निकले मगर उसका को पुनः निकल जाना पड़े खांसी के साथ फूलों में भी दर्द होता है विशेष रुप से बाई ओर शाम के समय रोगी का कष्ट और बढ़ जाता हूं ठंडा पानी पीने से रोगी को आराम मिलता है और बिस्तर की गर्मी से रोगी का कष्ट अधिक बढ़ जाता है छाती में दर्द और धड़कन रात को रोगी लेट नहीं सकता रोगी को ऐसा महसूस होता है जिसे उसकी ही आवाज उसके कानों में गूंज रही हो और उसको कष्ट देती है यह दबा विशेष रूप से संगीतकारों के आवाज बिगड़ने के लिए उपयोगी है।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए हाथ पांव से सम्बंधित लक्षण
रोगी के किसी एक अंग में लकवा होने पर यह दवा लाभ देती है हाथों और बाजुओं में हल्का-हल्का चीर होने कारण ने की तरह का दर्द महसूस होता है हाथ पैरों में भारीपन और दुर्बलता आ जाती है जोड़ों में चीरने फाड़ने की तरह का दर्द होने लगता है अगली बाजू और हाथ की पेशियों की अस्थिरता देखने को मिलती है सुन्नपन हाथों में चेतना का अभाव कराओ में खिंचाव टकने कमजोर अंगों में बात वेदना जो गर्मी से विशेषताएं बिस्तर की गर्मी से घट जाए जोड़ों में जलन बच्चा हो तो चलना देर से सीखे लड़खड़ा कर चले पर आसानी से गिर जाता हो घुटनों में कड़वाहट और खिंचाव घुटने की खाली जगह में शक्ति महसूस हो पैर की हड्डी के पिछले भाग पर खुजली के लिए यह दवा लाभदायक है।
Causticum 30 Uses in Hindi के लिए त्वचा से सम्बंधित लक्षण
रोगी को कानों के पीछे और जांघों के मध्य में दुकान होती है त्वचा पर बड़े-बड़े मस्से दानेदार और उनसे आसानी से खून निकलने लगता है उंगलियों के सिरी और नाक पर भी दुकान होने लगती है आग से जलने के दुष्परिणामों के लिए भी यह दवा लाभदायक है पुराने घाव जी द्वारा से फट पड़े हो दांत निकलने के दिलों में त्वचा पर रगड़ पढ़ने की प्रवृत्ति शादी में यह दवा उपयोगी साबित होती है।
रोगी को अधिक नींद आती है मैं जागता नहीं रह सकता रात को नींद नहीं आती इसके साथ सूखी खांसी और मन में अशांति रहती है इस प्रकार के लक्षणों के लिए इस दवा का उपयोग लाभकारी होता है।
Causticum 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Causticum 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Causticum 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Causticum 3का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Causticum 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Causticum 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Causticum 30 से सम्बंधित चेतावनी – Causticum 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Causticum 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Causticum 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Causticum 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Causticum 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Causticum 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |