Lycopodium 200 Uses in Hindi | लाइकोपोडियम 200 के उपयोग, लाभ और नुकसान
Lycopodium 200 Uses in Hindi : लाइकोपोडियम एक होम्योपैथिक दवा है, इस दवा को बनाने के लिए इसके बीजो को कुचला जाता है उसके बाद ही यह दवा अपना असर करती है यह दवा शरीर के लगभग हर भाग पर अपना असर दिखाती है मुख्य रूप से जहाँ मूत्र प्रणाली की खराबियाँ पायी जा रही हो तो इस दवा का प्रयोग लाभ देता है. यह दवा मुख्य रूप से उन रोगों के लिए अधिक लाभदायक है जो धीरे-धीरे पनपते हो और पीड़ित अंग दुर्बल हो गया हो, रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और उसको जिगर संबंधी विकार होते है.
इस दवा का रोगी दुर्बल, पोषणाभाव, कफ प्रकृति वाला, स्वभाव कोमल और नजले की शिकायते आने का झुकाव अधिक रहता है, बड़ी उम्र के लोगो की त्वचा पर पीले से दाग उभर आते है और त्वचा की रंगत बदल जाती है. अगर रोगी के लक्षणों में दोपहर 4 बजे से रात 8 बजे तक अधिक वृद्धि होती है और कष्ट बढ़ जाता है तो लाइकोपोडियम का उपयोग करने से जल्दी लाभ मिलता है. रोगी को गुर्दे के रोगों में पेशाब के साथ रेट के लाल कण आते है और गुर्दे की जगह कमर दर्द होता है.
रोगी कुछ भी ठंडा खाना या पीना नहीं चाहता हमेशा हर चीज़ गर्म ही चाहता है, ऐसे रोग जो शरीर में गहराई तक चले गए है और धीरे-धीरे पनप रहे है तो इस दवा का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है. अगर आप Lycopodium 200 Uses in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी चाहते है तो नीचे सभी प्रकार की जानकारी पढ़ सकते है |
विभिन्न रोगों में Lycopodium 200 का उपयोग : Lycopodium 200 Uses in Hindi
लाइकोपोडियम 200 के फायदे – Lycopodium 200 Benefits
मन – रोगी का मन बहुत ही खिन्न हो जाता है और वह हमेशा जरा-जरा सी बात पर नाराज़ हो जाता है, रोगी हमेशा अकेला रहना चाहता है उसके अन्दर आत्मविश्वास की काफी कमी होती है उसको दिमागी कमजोरी होती है.
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Head – सर के लक्षण – रोगी अपना सर बिना किसी कारण के हिलाता है, उसके चहरे और मुहं पर ऐठन आती है, रोगी की चाँद पर गड़न के साथ दर्द होता है जो दोपहर 4 बजे से रात 8 बजे के बीच होता है और अधिक कष्ट बड़ता है. रोग लेटने या झुकने या फिर हर बार नियमपूर्वक ना खाने से कष्ट और भी बढ़ जाता है.
रोगी को खांसी का दौरा आता है और हर बार खांसी का दौरा आने के बाद धड़कन तेज़ और उसके साथ दर्द होता है, सर्दी-खाँसी में आँखों के ऊपर दर्द हो जो सर को खुला रखने पर घटता है और सुबह जागते ही रोगी को चक्कर आते है. बाल झड़ने की समस्या के लिए भी यह दवा असरदार होती है, रोगी के बाल समय से पहले ही पक कर झड जाते है और वह गंजा हो जाता है.
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Eye – आँखों के लक्षण : रोगी को रतौंधी होना इस दवा का प्रमुख लक्षण है, रोगी की आँखे रात को सोते समय आधी खुली रहती है, रोगी केवल आधा भाग ही दिखाई देता है, आँखों के पपोटे लाल और उनमें घाव होने पर लाइकोपोडियम का उपयोग करना लाभकारी होता है.
कान के लक्षण – रोगी के कान से गाढ़ा, पीला, और दुर्गंधित स्त्राव निकलता है, रोगी के कानो के आस पास और उनके पीछे एग्जिमा होता है, रोगी को कानो में भिनभिनाहट और गर्ज की आवाज सुनाई देती है इसके साथ ही रोगी को ऊँचा सुनाई देता है.
लाइकोपोडियम 200 लिक्विड के फायदे – Lycopodium 200 Liquid Benefits
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Nose – नाक के लक्षण : रोगी की नाक की सूंघने की शक्ति बढ़ जाती है, नाक के पिछले भाग में खुश्की होती है, अगले भाग से कम तीक्षण स्त्राव निकलता है रोगी के नथने घायल रहते है, रोगी की नाक बंद हो जाती है मुहं से आवाज ना निकलने पर नाक से बोलता है, रोगी के नथने पंखे की तरह बार-बार हिलते है, अगर इस प्रकार के लक्षण नाक में दिखाई दे रहे है तो लाइकोपोडियम 200 का उपयोग करने से लाभ मिलता है.
चहरे के लक्षण – रोगी का चेहरा मटियाला और पीला सा हो जाता है, आँखों के आसपास नीला घेरा होता है, रोगी का चेहरा झुर्रियों वाला और मुरझाया हो जाता है, चहरे पर ताम्बे के रंग के दाने निकल आते है टायफायड में रोगी का निचला जबड़ा लटक जाता है, इस प्रकार के लक्षण चहरे पर दिखाई देते है तो लाइकोपोडियम 200 का प्रयोग करना फायदेमंद होता है.
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Mouth – मुहं के लक्षण : रोगी जब अपने दांतों को छूता है तो बहुत अधिक दर्द होता है, दांतों में दर्द होने पर रोगी के गाल फूल जाते है , रोगी को प्यास का आभाव होता है और मुहँ तथा जबान खुश्क, जीभ सूखी हुई और उसका रंग काला सा हो जाता है जीभ के छाले आदि के लिए यह दवा उपयोगी साबित होगी.
गले के लक्षण – रोगी का गला प्यास के बिना खुश्क हो जाता है, गले में दर्द होता है और जब रोगी कुछ भी खाता या निगलता है तो गले में सुई चुभने जैसा दर्द होता है, रोगी जब कुछ गरम खाता है तो उसको आराम मिलता है. टोंसिल फूल जाते है और उनमें पीप आ जाती है, टोंसिल में घाव हो जाते है जो मुख्य रूप से दायीं ओर से शुरू होते है, कंठनाली का टी.बी. जिसमें घाव आना शुरू हो गया हो इस प्रकार के गले के सभी लक्षणों में उपयोग की जाती है.
लाइकोपोडियम 200 के उपयोग – Lycopodium 200 Uses in Hindi
आमाशय के लक्षण – रोगी कुछ भी खाता है तो उसको वह खट्टा लगता है और साथ ही खट्टे डकार आते है, रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, रोगी जब खाना खाता है तो आमाशय में दबाब सा लगता है और मुहँ का स्वाद कड़वा हो जाता है.
रोगी को ज़रा सा खाते ही अफरा आ जाता है, रोगी रात को भूख लगने के कारण अचानक जाग जाता है, रोगी को अधूरी जलन वाली डाकार आती है जो सिर्फ गले तक ही आती है और वहां घंटो तक जलन होती रहती है. रोगी के कष्ट रात को और अधिक बढ़ जाते हो तो इस प्रकार के आमाशय के सभी लक्षणों के लिए लाइकोपोडियम 200 उपयोगी होती है.
पेट के लक्षण – रोगी को पेट में हर समय उफान उठता-सा प्रतीत होता है, विशेष रूप से बायीं ओर ऊपर के भाग में, यह दवा दायीं ओर के हर्निया में भी उपयोगी है, रोगी के पेट में ऐसा दर्द होता है जो दायें से बाएं जाता है इस प्रकार के सभी पेट संबंधी लक्षणों के लिए लाइकोपोडियम 200 उपयोग में लायी जाती है.
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लाइकोपोडियम 200 के होमियोपैथी में उपयोग – Lycopodium 200 Uses In Homeopathy
पखाना के लक्षण – रोगी को पतले दस्त आते है, उसकी आंते अक्रिय हो जाती है और मल त्याग करते समय मल के छोटे-छोटे टुकड़े बड़ी मुश्किल से निकलते है, बबासीर के मस्से जिनको ज़रा सा छूते ही दर्द होने लगता है इसके अलावा लाइकोपोडियम 200 खूनी बबासीर के इलाज में उपयोगी होती है.
पेशाब से सम्बंधित लक्षण – रोगी को पेशाब करने से पहले कमर में दर्द होता है, और जब वह पेशाब करता है तो दर्द बंद हो जाता है, रोगी को पेशाब देर से आता है और पेशाब करने के लिए जोर लगाना पड़ता है. पुरुष रोगी को नपुंसकता और शीघ्र पतन की शिकायत होने पर लाइकोपोडियम 200 का उपयोग करने पर रोगी को लाभ मिलता है.
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Female – स्त्री जननेंद्रिय लक्षण : महिला को मासिक देर से आता है और लम्बे समय तक रहता है, मल त्याग के समय महिला के गुप्तांग से खून गिरने पर लाइकोपोडियम दवा का उपयोग लाभदायक होता है.
श्वास-प्रणाली के लक्षण – रोगी को सरसराहट के साथ खाँसी आती है, छाती में में सुकड़ाव, घुटन और जलन के साथ दर्द होता है, खोखली खाँसी जो अंदर गहराई से आती है, रोगी को गाढ़ा, रक्त मिला हुआ, पीप युक्त कफ आता है. बच्चे की छाती का नजला, छाती से घडघड़ाहट की आवाज़ आती है जैसे उसमें कफ भरा हुआ है, नाक जल्दी जल्दी फैलती है और छाती में घडघड़ाहट हो इस प्रकार के सभी लक्षणों में लाइकोपोडियम उपयोगी होती है.
लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन – Lycopodium 200 Homeopathic Medicine
हाथ-पावं के लक्षण – रोगी के अंगो में चीरने-फाड़ने की तरह का दर्द होता है, विशेष रूप से आराम करते समय या रात के समय यह दर्द और अधिक बढ़ जाता है, बाजुओं में भारीपन महसूस होता है, रोगी के कंधे और कोहनी में चीरने-फाड़ने की तरह का दर्द होता है, रोगी का एक पैर गर्म लगता है तो दूसरा सर्द लगता है, चलते समय एड़ी में दर्द होता है, हाथ पैर की उँगलियाँ सुकड़ी हुई जिस तरफ दर्द होता है उस तरफ से लेट नहीं पाता, रात को जब सो जाए तो पैर की उंगलियों और पिडली में ऐठन आती हो तो इस प्रकार के सभी लक्षणों के लिए लाइकोपोडियम का उपयोग किया जा सकता है.
लाइकोपोडियम 200 के उपयोग – Lycopodium Clavatum 200 Uses
Lycopodium 200 Uses in Hindi for Skin – त्वचा के लक्षण : रोगी की त्वचा में घाव बन जाते है, ऐसा शीत-पित जो गर्मी से बढ़ता है, रोगी को पुराना एग्जिमा हो जिसके साथ उसको पेशाब, हाजमे और जिगर की खराबियां होती है. रोगी त्वचा मोटी और कड़ी हो जाती है, त्वचा पर भूरे दाग उभर आते है जो मुख्य रूप से चहरे और नाक की बायीं ओर होते है, रोगी के हाथ की हथेलियाँ सूखी सुकड़ी हुई हो जाती है, इस प्रकार के सभी लक्षणों के लाइकोपोडियम का उपयोग करने से त्वचा रोगों में आराम आता है.
रोग में वृद्धि – लाइकोपोडियम के रोगी का रोग दोपहर 4 बजे से रात 8 बजे तक अधिक बढ़ता है, कष्ट दायीं ओर से शुरू होता है इसके अलावा गर्मी से रोगी को तकलीफ और अधिक बढ़ जाती है, शरीर पर पेट और गले को छोड़ कर अन्य किसी भी भाग पर सिकाई करने भी रोग में वृद्धि होती है.
रोग में कमी या आराम – रोगी को हरक़त करने से आराम मिलता है इसके अलावा आधी रात के बाद रोगी का कष्ट कम हो जाता है.
लाइकोपोडियम दवा का डॉज – Lycopodium 200 Liquid Dosage
इस दवा निम्नतर और उच्तम शक्ति अच्छा असर करती है, किसी को मल ना आने की समस्या हो तो लाइकोपोडियम 3X शक्ति की कुछ बूंदे दिन में 3 बार देने से लाभ मिलता है, लाइकोपोडियम 200 का भी उपयोग किया जा सकता है मगर जल्दी-जल्दी ना दे.
रोग के लक्षणों में वृद्धि | लाइकोपोडियम के रोगी का रोग दोपहर 4 बजे से रात 8 बजे तक अधिक बढ़ता है, कष्ट दायीं ओर से शुरू होता है इसके अलावा गर्मी से रोगी को तकलीफ और अधिक बढ़ जाती है, शरीर पर पेट और गले को छोड़ कर अन्य किसी भी भाग पर सिकाई करने भी रोग में वृद्धि होती है. |
रोग के लक्षणों का शमन | बिस्तर की गर्मी से, अंगों को अंदर की ओर खींचने से, ठण्डे पानी से नहाने से और सोने के बाद रोग कम हो जाता है। |
पूरक | नेट्रम-म्यू, फास्फो। |
प्रतिकूल | लैके, पल्सा। |
तुलना | लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक दवा की तुलना लिलियम, म्यूरेक्स, सीलिका, सल्फ, आस्पेरूला, ओजोनम, डिक्टैम्नस, लैपैथम से की जा सकती है। |
मात्रा | रोगी को लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक दवा की 12वीं शक्ति, 30वीं शक्ति और 200वीं शक्ति देनी चाहिए। |
जानकारी | रोगी के लिए लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक दवा की निम्न शक्तियों का प्रयोग ज्यादा नही करनी चाहिए और ना ही बार-बार देनी चाहिए। |
लाइकोपोडियम 200 का क्या कार्य है?
लाइकोपोडियम 200 का कार्य पूरे शरीर के लिए है और मुख्य रूप से यह हमारे मूत्र प्रणाली पर कार्य कारती है इसके अलावा लाइकोपोडियम 200 पुराने रोगों को ठीक करने करने का कार्य भी कारती है |
लाइकोपोडियम बालों के लिए कैसे काम करता है?
अगर समय से पहले गंजापन आ गया है तो लाइकोपोडियम फिर से बालों की जड़ों पर अच्छा काम कारती और बाल उगाने में मदद कारती है |
क्या लाइकोपोडियम लिवर के लिए अच्छा है?
जी हैं, लाइकोपोफियम लीवर के लिए काफ़ी अच्छी होम्योपैथिक दवा है और यह फैटी लीवर के इलाज में मुख्य रूप से लाभ देती है