Robinia 30 Uses In Hindi | रोबिना 30 के उपयोग और लाभ
Robinia 30 Uses In Hindi : मन्दाग्नि या अजीर्ण से उत्पन्न रोग जैसे- पेट फूलना, पतला दस्त आना, खट्टी डकारें आना, जी मिचलाना, छाती में जलन होना तथा सिर में दर्द होना आदि प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करते हैं।
इस औषधि का उपयोग अधिकतर खट्टी डकारें आने की अवस्था को ठीक करने के लिए अधिक किया जाता है। छोटे बच्चों के हैजा (कलरा इनफंटन) को ठीक करने के लिए यह बहुत ही उपयोगी औषधि है। यह उन रोग की अवस्था में भी उपयोग किया जाता है जिसमें रोगी के पाचनतंत्र में अन्न वाले पदार्थ जल्दी ही पच जाते हैं पर श्वेतसार पदार्थ जल्दी नहीं पचते।
पाकाशयिक लक्षणों के साथ अत्यधिक बढ़ी हुई अम्लता से सम्बन्धित लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि का अधिक उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के लक्षण के साथ ही रोगी के सिर में दर्द भी होता रहता है और अत्यधिक डकारें भी आती है।
विभिन्न लक्षणों में Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग –
Robinia 30 के लिए सिर से सम्बन्धित लक्षण – Robinia 30 Uses in Hindi for Head
सिर में धीरे-धीरे दर्द होता रहता है तथा सिर में कंपन भी होता रहता है और माथे पर दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी जब गति करता है या पढ़ने का कार्य करता है तो उसके लक्षणों में वृद्धि होती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग लाभदायक है। पेट से सम्बन्धित रोग होने के साथ ही सिर में दर्द होना और उल्टी आने जैसी समस्या भी होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Robinia 30 के लिए आमाशय से सम्बन्धित लक्षण – Robinia 30 Uses in Hindi for Stomach
आमाशय में धीरे-धीरे या तेज दर्द होता है। जी मिचलाने के साथ ही खट्टी डकारें आती है और पचने वाली अम्ल पदार्थों की उल्टी होती है। आमाशय और आंते अधिक फूलने लगती है। पेट फूलने के साथ ही दर्द होता है। खट्टी डकारें आती है और मलत्याग करने पर मल से खट्टी बदबू आती है। इस प्रकार के आमाशय से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
Robinia 30 के लिए स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण – Robinia 30 Uses in Hindi for Female
संभोग करने की बहुत अधिक इच्छा होना। प्रदर स्राव होने के साथ ही बदबूदार स्राव होना तथा स्राव जलनशील होता है। मासिकधर्म के बीच के दिनों में रक्तस्राव होना। योनि में दर्द होने के साथ ही घाव होना तथा उसमें खुजली मचना। इस प्रकार के स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन करना चाहिए।
Robinia 30 के लिए उल्टी से सम्बन्धित लक्षण
तेज उल्टी आना तथा हरे रंग की उल्टी आना तथा इसके साथ ही पेट में दर्द होना और पेट का फूलना, आमाशय में रात के समय में तेज दर्द होना और कब्ज बनना, मलत्याग करने की तेज इच्छा होना। इस प्रकार के उल्टी से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
Robinia 30 का अन्य दवाओं से सम्बन्ध (रिलेशन)
ठीक प्रकार से भोजन का न पचना या कम पाचन शक्ति को ठीक करने के लिए मैग्नी-फा, आर्जेण्ट-ना, ओरेक्सिन टैनेट औषधियों की मात्राऐं 14-14 घण्टे के अन्तराल पर सेवन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप ये रोग ठीक हो जाते हैं। ऐसे ही अवस्थाओं में Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का भी उपयोग किया जा सकता है। अत: मैग्नी-फा, आर्जेण्ट-ना, ओरेक्सिन टैनेट औषधियों के कुछ गुणों की तुलना Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से कर सकते हैं।
Robinia 30 की मात्रा (डोज)
Robinia 30 होम्योपैथिक मेडिसिन की तीसरी शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। यह औषधि लम्बे समय तक उपयोग किया जा सकता है।
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Robinia 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका –Robinia 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
- Robinia 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Robinia 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Robinia 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Robinia 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Robinia 30 से सम्बंधित चेतावनी – Robinia 30 Related Warnings in Hindi
- होम्योपैथिक दवा Robinia 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
- जब भी Robinia 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
- सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Robinia 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
Robinia 30 दवा का सेवन करने में परहेज – Avoidance While Taking Robinia 30 Medicine
Robinia 30 होम्योपैथिक दवा का सेवन करते समय सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार का परहेज करना नहीं होता है मगर, होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करते समय कच्चे प्याज, लहसुन, का उपयोग नहीं करना चाहिए इनका उपयोग करना होम्योपैथिक दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है |
इसके अलावा अगर आप गुटका या पान खाते है तो होम्योपैथिक उपचार के समय इसको खाने से बचना आपके लिए लाभकारी होगा
अगर आपको स्मोकिंग की आदत है तो भी आपको होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते समय स्मोकिंग करने से बचना चाहिए क्योंकि स्मोकिंग करने के कारण होम्योपैथिक दवाओं का प्रवाभ काम हो जाता है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
- अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
- दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
- अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Apis Mel 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Apis Mel 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |
आप रॉबिनिया 30c का उपयोग कैसे करते हैं?
Robinia 30 की 4 से 5 गोलियों को जीभ के नीचे रख कर चूस कर लेना चाहिए
रोबिनिया मदर टिंचर आप किस तरह से लेते हैं?
रोबिनिया मदर टिंचर को आप आधा कफ पानी में 10 से 15 बूंदे डाल कर ले सकते हैं इसको एक बार या फिर डॉक्टर ने जिस प्रकार से लेने बोला है तो एक से अधिक बार भी ले सकते है |