Sepia 30 Uses in Hindi | सीपिया 30 के उपयोग और सम्बंधित लक्षण
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अगर आप थोडा बहुत भी होम्योपैथिक दवाओं के बारे में जानते है तो आपने कई बार गूगल पर Sepia 30 Uses in Hindi जरुर सर्च किया होगा, सीपिया एक होम्योपैथिक दवा है जिसको स्त्री रोगों की एक बहुत ही लाभकारी दवा माना जाता है। सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा स्त्रियों की गर्भाशय की खराबियों को पूरी तरह से समाप्त करने में बहुत ही उपयोगी साबित होती है।
Homeopathic Medicine Sepia 30 Uses in Hindi : होम्योपैथिक दवा सीपिया 30 के उपयोग
मन से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Mind : रोगी का मन का बहुत अधिक चिड़चिड़ा होजाता है और वह छोटी-छोटी बातों पर ही रोने लगता है, रोगी हर समय उदास सा बैठे रहता है, रोगी हमेशा डरा सा रहता है उसको लगता है कि कहीं उसके साथ किसी प्रकार की दुर्घटना न हो जाए
हर काम को करने में लापरवाही बरतते रहना, हर बात की जिद् करना, अपने आस-पास जरा सा भी शोर-शराबा होते ही रोगी का दिमाग परेशान हो जाता है, रोगी का हर समय अपने आप से ही बात करता रहता है, रोगी अधिकतर भूत-प्रेतों के बारे में अधिक सोचता है और उनकी बाते करता है, उसका स्वाभव ऐसा हो जाता है की वह छोटी-छोटी बातों पर दूसरों से लड़ता रहता है, रोगी को अपना जीवन को बिल्कुल बेकार सा लगता है इस प्रकार के कई मानसिक रोगों के लक्षणों में रोगी के लिए सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा का उपयोग करना लाभकारी रहता है।
Sepia 30 Uses in Hindi For Eye : आंखों से सम्बंधित लक्षण
रोगी की आंखों की पेशियों के कमजोर हो जाने के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाना, आंखों के सामने काले धब्बे से नज़र आना, आंखों में जलन होने के कारण आंखों की रोशनी कमजोर हो जाना और महिलाओं में जिनका सम्बंध गर्भाशय के रोगों से होता है, आंखों के रोग सुबह और शाम के समय बढ़ते है। पलकों पर किसी तरह का फोड़ा हो जाना, पलकों का लटक जाना, आंखों के पीछे के भाग में खून का जमा हो जाना जैसे लक्षणों में रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा देना लाभकारी रहता है।
सिर से सम्बंधित लक्षण – इस दवा के रोगी को अपना सिर घूमता हुआ सा महसूस होना, रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि सिर में कुछ लुढ़क रहा हो, रोगी को ऐसा दर्द होता है जो ज्यादातर बाईं ओर या माथे में अंदर से बाहर की ओर तथा ऊपर की ओर डंक के लगने जैसा मेहसूस होता है, इसके साथ रोगी का जी का मिचलाना, जब रोगी रोग वाले अंगों के बल लेट जाता है तो उसको हो जाती है, रोगी के सर में पीछे और सामने की तरफ झटके से लगना, रोगी के सिर के ऊपर के भाग में ठण्डक सी महसूसहोती है, महिलाओं में मासिकस्राव के दौरान सिर में झटके लगने के साथ सिर में दर्द होने जैसे लक्षण सामने आते हैं, और इसके साथ ही महिलाओं में मासिकस्राव का कम आना, सर से बालों का झड़ना, रोगी के माथे पर बालों के आसपास के फुंसियां हो जाती है, इस प्रकार के सिर से सम्बंधित लक्षणों में रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कराना जल्दी लाभ मिलता है।
नाक से सम्बंधित लक्षण – इस दवा के नाक संबंधी लक्षणों में जुकाम हो जाने के कारण उसको बार-बार छींके आते रहती रहती हैं, रोगी की नाक में से गाढ़ा सा हरे रंग का स्राव आता है और रोगी की नाक में पपड़ियां सी जमजाती है, नाक के आरपार पीले रंग का दाग सा हो जाना, नाक की जड़ में दर्द सा होना, नाक का जुकाम हो जाने के कारण चिर सा जाना खासकर नाक के पीछे के छेदों में, रोगी को बार-बार मुंह से बलगम को खखारकर निकालना पड़ता है। इन लक्षणों में अगर रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा दी जाए तो काफी उपयोगी साबित होती है।
Homeopathic Medicine Sepia 200 Uses in Hindi : होम्योपैथिक दवा सीपिया 200 के उपयोग
Sepia 30 Uses in Hindi for Ear : कान से सम्बंधित लक्षण : कानों के अंदर खुजली होना, कान के अंदर के भाग में से गाढ़ा, पीले रंग का, बदबू के साथ मवाद का आना, रोगी के कानों के पीछे ग्रीवासंधि (गर्दन के जोड़ पर) में दर्द सा होना, कान में सूजन आना और उस पर विकार होना, अधस्त्वक व्रणग्रस्तता (सबक्युटैन्युओस अल्सटेशन) की तरह दर्द का होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा का सेवन करना लाभकारी रहता है।
Sepia 30 Uses in Hindi For Face : चेहरे से सम्बंधित लक्षण
चेहरे का बिल्कुल मुरझा सा जाना, चेहरे पर पीले रंग के से धब्बे होना, रोगी के नाक और गालो के ऊपर कत्थई रंग के से धब्बे पैदा होना जैसे लक्षणों में रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा का सेवन कराना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है।
मुंह से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Mouth : रोगी की जीभ का बिल्कुल सफेद हो जाना, रोगी के मुंह का स्वाद बिल्कुल खराब हो जाना, जीभ का गंदा होना जो मासिकस्राव के दौरान साफ हो जाती है। नीचे के होंठ का सूज जाना और फट जाना, रोगी को शाम के 6 बजे से आधी रात के बीच में दांत में दर्द होता है जो लेटने पर और तेज हो जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
Homeopathic Medicine Sepia Uses in Hindi : होम्योपैथिक दवा सीपिया के उपयोग
आमाशय से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Stomach
रोगी को अपना आमाशय बिल्कुल खाली सा महसूस होता है, जो भोजन करने सके बाद भी भरा हुआ महसूस नही होता है, रोगी को जब भोजन की खुशबू आती है या जब वह भोजन को देखता है तो उसका जी मिचलाने लगता है।
रोगी को तंबाकू का सेवन करने के कारण बदहजमी का रोग हो जाना, रोगी को खाने की हर चीज का स्वाद बहुत नमकीन सा लगता है। रोगी जैसे ही भोजन करता है उसको उल्टी होने लगती है। रोगी को अपने पाचन संस्थान में जलन सी महसूस होती है, रोगी का मन ऐसा करना कि उसे हर समय खट्टे पदार्थ खाने को मिलते रहे, रोगी को बार-बार खट्टी डकारे आना, चिकनाई वाले पदार्थो को देखते ही जी का खराब हो जाना। इन लक्षणों के आधार पर अगर रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा दी जाए तो रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
Sepia 30 Uses in Hindi For Male : पुरुष रोग से सम्बंधित लक्षण
रोगी को अपने जननांग बिल्कुल ठण्डे से महसूस होते है और उनमे बहुत ज्यादा पसीना आता है, रोगी को पुराना सुजाक रोग होने के कारण पेशाब के रास्ते से रात के समय दर्द के साथ स्राव का आना, रोगी के लिंग के आगे के भाग पर मस्से से निकलना, स्त्री के साथ संभोग करने से पैदा होने वाले रोग आदि लक्षणों में अगर रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा दी जाए तो रोगी को लाभ मिलता है।
Sepia 30 Uses in Hindi For Female : स्त्री रोग से सम्बंधित लक्षण
स्त्री को अपने नीचे के अंगों में ऐसा महसूस होता है जैसे योनि के रास्ते से सब कुछ बाहर निकल पड़ेगा, इस कारण से रोगी स्त्री को अपनी जांघो या टांगों को टेढ़ा-मेढ़ा करना पड़ता है या योनि पर दबाव देना पड़ता है। रोगी स्त्री को मासिकधर्म के दौरान, गर्भाकाल के दौरान, बच्चे को दूध पिलाते समय शरीर के अंदर किसी स्थान पर कोई गोल सी चीज लुढ़क रही हो, स्त्री को खुजली के साथ पीले रंग का प्रदर-स्राव (योनि में से पानी आना) का आना, मासिकस्राव का समय से बहुत बाद में और कम मात्रा में आना या मासिकस्राव का समय से पहले और बहुत ज्यादा मात्रा में आना, योनि के रास्ते में गर्भाशय से नाभि तक बहुत तेज किसी चीज के चुभने जैसा दर्द होना, रोगी स्त्री को अपना गर्भाशय और योनि का चिरता हुआ सा महसूस होना, सुबह के समय रोगी स्त्री का जी मिचलाना और उल्टी होना, संभोगक्रिया के दौरान योनि के रास्ते में बहुत तेजी से दर्द का होना जैसे लक्षणों के आधार पर रोगी को होम्योपैथिक मेडिसिन सीपिया 30 देने से लाभ मिलता है।
Sepia 200 Homeopathy Uses in Hindi : सीपिया 200 के होमियोपैथी उपयोग
सांस से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Breath : रोगी को तेजी से उठने वाली खांसी जिसमे रोगी का खांसते-खांसते बुरा हाल हो जाता है और जो रोगी को अपने पाचनसंस्थान से उठती हुई महसूस होती है। रोगी को सांस लेने में परेशानी होना जो सोते समय और तेज हो जाती है। सुबह या शाम के समय छाती पर दबाव सा लगता है। सुबह के समय खांसी के साथ बहुत ज्यादा बलगम का आना जिसका स्वाद ज्यादातर नमकीन सा ही रहता है। आवाज की नली या छाती में सुरसुराहट के कारण पैदा होने वाली खांसी। फेफड़ों में सूजन आ जाने के कारण होने वाली खांसी जो बहुत दिनों तक होती रहती है। इस तरह के लक्षणों मे रोगी को होम्योपैथिक मेडिसिन सीपिया 200 देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Urine : रोगी को पेशाब के साथ लाल-लाल से चिपकने वाले बालू के कण से आना, रोगी को रात मे सोते ही पेशाब का आ जाना, पेशाब का रूक-रूककर आना, पेशाब की नली में सूजन आ जाना आदि लक्षणों में अगर रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा दी जाए तो रोगी कुछ ही दिनों में बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है।
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मलान्त्र से सम्बंधित लक्षण – रोगी को मलक्रिया के दौरान मल के साथ खून आना, मलान्त्र में पूर्णता सी महसूस होना, पेट मे कब्ज का बनना, मल का सख्त रूप में आना, रोगी को मलान्त्र में ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसमे कोई गोला सा रखा हो, मलक्रिया के दौरान बहुत ज्यादा कूथन और ऊपर की ओर तेजी से दौड़ता हुआ दर्द। मल का गाढ़े कत्थई रंग का गोल-गोल रूप में आना जो आपस में बलगम से जुड़ा हुआ रहता है। रोगी का गुदा चिर सा जाना, मलद्वार से अक्सर स्राव सा आते रहना, बच्चों को गर्म दूध पिलाने से होने वाले दस्त, मलान्त्र में और योनि के रास्ते में दर्द जो ऊपर की ओर तेज गति से दौड़ता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सीपिया 200 होम्योपैथिक दवा का प्रयोग लाभदायक रहता है।
Sepia 1m Homeopathy Uses in Hindi : सीपिया 1m के होमियोपैथी उपयोग
पेट से सम्बंधित लक्षण – रोगी का पेट फूल जाने के साथ ही सिर में दर्द हो जाना, जिगर में दर्द के साथ जलन सी होना जो दाईं तरफ की करवट लेटने से कम हो जाता है। रोगी के पेट पर बहुत से कत्थई रंग के धब्बे से होना, रोगी को अपना पेट खाली सा महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को सीपिया 1m होम्योपैथिक दवा का प्रयोग लाभदायक रहता है।
Sepia 30 Uses in Hindi For Skin in Hindi : चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण
रोगी की त्वचा पर जगह-जगह दाद से हो जाना, त्वचा पर इस तरह की खुजली होना जो खुजली करने से भी कम नही होती तथा हाथों की कोहनियों और घुटनों के जोड़ों पर ज्यादा होती है। बसंत के मौसम में हर बार गोल-गोल निशान से पड़ना, खुली हवा में जाने पर त्वचा में छपाकी जो गर्म कमरे में कम हो जाती है। रोगी को बहुत ज्यादा बदबूदार पसीने का आना, रोगी के पैरों में खासकर अंगूठों में बदबूदार पसीने का आना, त्वचा पर मछली के शरीर पर पड़े हुए निशान से पड़ना साथ ही त्वचा में से बदबू का आना। इन लक्षणों में अगर रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा दी जाए तो ये रोगी के लिए बहुत अच्छा रहता है।
पीठ से सम्बंधित लक्षण – Sepia 30 Uses in Hindi for Back : रोगी को कमर के भाग में कमजोरी सी महसूस होना, दर्द जो पीठ तक फैल जाता है। रोगी को कंधों के बीच में ठण्डक सी महसूस होती है। इन लक्षणों के आधार पर रोगी को सीपिया 1m होम्योपैथिक दवा देने से लाभ मिलता है।
Sepia 30 से सम्बंधित लक्षणों में वृद्धि,शमन और दवा की मात्रा
रोग के लक्षणों में वृद्धि | दोपहर और शाम के समय, धुलाई करने से, बाईं ओर, पसीना आने के बाद, ठण्डी हवा से, आंधी-तूफान से पहले रोग बढ़ जाता है। |
रोग के लक्षणों का शमन | बिस्तर की गर्मी से, अंगों को अंदर की ओर खींचने से, ठण्डे पानी से नहाने से और सोने के बाद रोग कम हो जाता है। |
पूरक | नेट्रम-म्यू, फास्फो। |
प्रतिकूल | लैके, पल्सा। |
तुलना | सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा की तुलना लिलियम, म्यूरेक्स, सीलिका, सल्फ, आस्पेरूला, ओजोनम, डिक्टैम्नस, लैपैथम से की जा सकती है। |
मात्रा | रोगी को सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा की 12वीं शक्ति, 30वीं शक्ति और 200वीं शक्ति देनी चाहिए। |
जानकारी | रोगी के लिए सीपिया 30 होम्योपैथिक दवा की निम्न शक्तियों का प्रयोग ज्यादा नही करनी चाहिए और ना ही बार-बार देनी चाहिए। |
Sepia 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Sepia 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Sepia 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Sepia 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Sepia 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Sepia 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Sepia 30 से सम्बंधित चेतावनी – Sepia 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Sepia 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Sepia 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Sepia 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Sepia 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Sepia 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |