Urtica Urens q uses In Hindi
Urtica Urens q uses In Hindi : यह दवा पुरुषों में अंडकोष की सूजन में बहुत ही उपयोगी है, साथ ही इस दवा का महिलाओं के लिये भी उपयोग है जब किसी महिला के स्तनों में दूध की मात्रा कम हो जाती है या दूध बन नहीं पाता है तो अर्टिका यूरेन्स क्यू होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करने से महिलाओं में दूध बनने की मात्रा में सुधार आ जाता है |
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर अर्टिका यूरेन्स के उपयोग – Homeopathic Medicine Urtica Urens q uses In Hindi
सिर से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Mind
रोगी का सिर घूमने के कारण चक्कर से आना, रोगी को सिर में दर्द के साथ ही प्लीहा का दर्द होना आदि लक्षणों के आधार पर अर्टिका यूरेन्स औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।
पुरुष से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Male
रोगी के अण्डकोषों में सूजन आना और खुजली होना जिसके कारण रोगी रात में आराम से सो भी नहीं पाता आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि देने से लाभ मिलता है।
आंखों से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Eye
रोगी को अपनी आंखों में ऐसा महसूस होता है जैसे कि उनमें पानी भर गया हो, रोगी जब लेटता है तो उसकी आंखों में दर्द होता है और उठने पर भी आंखों में दर्द होता है। इन लक्षणों के आधार पर रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।
बुखार से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Fever
रोगी को रात के समय बिस्तर में रोजाना होने वाले बुखार के साथ पेट में किसी तरह का जख्म महसूस होना, गठिया के रोग के कारण होने वाला बुखार, ज्यादा गर्मी के कारण होने वाला बुखार जैसे लक्षणों में रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि का प्रयोग कराना लाभकारी रहता है।
स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Female
स्त्री के स्तनों में दूध की मात्रा कम हो जाना। स्त्री के गर्भाशय से खून आना। स्त्री को आने वाला प्रदरस्राव (योनि में से पानी आना) जो इतना तेज होता है कि स्त्री की खाल तक उतर जाती है। स्त्री की योनि में खुजली होने के साथ ही डंक मारने जैसी चुभन होना। स्त्री के स्तनों में बहुत ज्यादा सूजन आ जाना जैसे लक्षणों में रोगी स्त्री को अर्टिका यूरेन्स औषधि देना लाभकारी रहता है।
इन्हें भी पढ़े
- China 30 Uses in Hindi : चायना 30 के उपयोग और लाभ
- Sulphur 200 Uses in Hindi : सल्फर 200 के उपयोग और लाभ
- Acid Phos 30 Uses in Hindi : एसिड फ़ॉस 30 के उपयोग और लाभ
- Thuja 30 Uses in Hindi : थूजा 30 के उपयोग और लाभ
शरीर के बाहरी अगों से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for External Organs
रोगी के त्रिकोणपेशी में जोड़ों के रोग के कारण तेज दर्द होना, रोगी के टखनों और कलाइयों में तेजी से होने वाला दर्द आदि लक्षणों में रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि का प्रयोग कराना उचित रहता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण – Urtica Urens q uses In Hindi for Skin
रोगी की त्वचा पर खुजली के साथ होने वाले चकते, रोगी को पूरे शरीर में ऐसा महसूस होना जैसे कि शरीर पर बहुत सारी चींटियां रेंग रही हों, रोगी के शरीर पर बहुत तेज खुजली होना, शीतपित्त दब जाने के कारण शरीर पर किसी तरह का उल्टा असर हो जाना, त्वचा में जलन एक सीमा तक रहती है, रोगी की त्वचा पर गांठों के साथ छपाकी निकलना, त्वचा पर छोटी माता निकलने के कारण होने वाले दाने, त्वचा के जलने या झुलस जाने के कारण होने वाले जख्म, वाहिकातन्त्रिकाशोफ, भगोष्ठों पर दाद होने के साथ ही गर्मी और खुजली महसूस होना, रोगी के अण्डकोषों में खुजली और जलन सी होने आदि लक्षणों में रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि देने से लाभ मिलता है।
Urtica Urens q uses In Hindi के लिए वृद्धि – नहाने के बाद, फोड़े-फुंसी दब जाने के बाद, घोंघा खाने के बाद, बच्चे को जन्म देने के बाद, रात के समय, आरक्त ज्वर के बाद रोगी का रोग बढ़ जाता है।
शमन – रगड़ने से या लेटने से रोगी का रोग कम हो जाता है।
तुलना – अर्टिका यूरेन्स औषधि की तुलना एपिस, कैन्थ, लिडम और रस-टाक्स के साथ की जा सकती है।
मात्रा – रोगी को अर्टिका यूरेन्स औषधि का मूलार्क या कम शक्तियां देने से रोगी कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
Urtica Urens q की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Urtica Urens q Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं |
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है |
Urtica Urens q की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Urtica Urens q का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है |
- Urtica Urens q की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है |
- अगर आप Urtica Urens q दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Urtica Urens q से सम्बंधित चेतावनी – Urtica Urens q Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Urtica Urens q को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है |
जब भी Urtica Urens q होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है |
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Urtica Urens q का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है |
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है |
दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है |
अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है |
Urtica Urens q और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Urtica Urens q And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है |
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है |
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है |
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है |
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है |
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है |
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं |
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है |